Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Dec, 2017 11:13 AM
एक बीमा कम्पनी ने उपभोक्ता से प्रीमियम तो जीरो डैप्ट पॉलिसी का ले लिया परंतु पॉलिसी सामान्य जारी कर दी। इस कारण उपभोक्ता को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। अब इस मामले में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने चोला मंडलम जनरल इंश्योरैंस कम्पनी को...
नई दिल्लीः एक बीमा कम्पनी ने उपभोक्ता से प्रीमियम तो जीरो डैप्ट पॉलिसी का ले लिया परंतु पॉलिसी सामान्य जारी कर दी। इस कारण उपभोक्ता को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। अब इस मामले में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने चोला मंडलम जनरल इंश्योरैंस कम्पनी को मुआवजा देने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
गांव खाइका निवासी रजक खान ने अपने वाहन का बीमा 27 जनवरी, 2017 को एक वर्ष के लिए करवाया। उससे जीरो डैप्ट पॉलिसी के लिए 34,650 रुपए प्रीमियम लिया गया परंतु उसे साधारण पॉलिसी थमा दी गई जिसका प्रीमियम 29,247 रुपए बनता था। पॉलिसी के बाबत रजक खान को नहीं बताया गया और न ही उससे अधिक वसूली गई राशि लौटाई गई। इस कारण उसके क्षतिग्रस्त वाहन की मुरम्मत भी नहीं हो पाई क्योंकि वह मुरम्मत राशि देने की स्थिति में नहीं था। वाहन खराब हो जाने से उस पर आर्थिक असर भी पड़ रहा था। परेशान होकर उसने उपभोक्ता फोरम का सहारा लिया।
यह कहा फोरम ने
फोरम के अध्यक्ष जगबीर सिंह तथा सदस्या खुशविंद्र कौर ने अपने निर्णय में कहा कि कम्पनी रजक खान को जीरो डैप्ट पॉलिसी जारी करे तथा उसे पहुंची मानसिक क्षति, अविश्वास, हानि तथा उससे की गई जालसाजी की एवज में 50,000 रुपए मुआवजा प्रदान करे। कम्पनी पॉलिसी के तहत उसके वाहन की नि:शुल्क मुरम्मत करवाए या मुरम्मत राशि 35 हजार रुपए दे। कम्पनी को 5500 रुपए कानूनी खर्चा तथा 45 दिनों में आदेश का निष्पादन न करने पर 30 हजार रुपए अतिरिक्त रूप से भुगतान करने के आदेश दिए गए।