Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Oct, 2017 07:10 PM
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने छोटे और मझोले कारोबारियों को राहत देने के लिए बड़े कदम
नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने छोटे और मझोले कारोबारियों को राहत देने के लिए बड़े कदम का ऐलान किया है। इसके तहत एसबीआई एमएसएमई को अगले 9 माह तक रियायती दर पर कर्ज मुहैया कराएगा। एसएमई कारोबारी इनपुट क्रेडिट क्लेम के बदले में कर्ज ले सकेंगे। इससे कारोबारियों को वर्किंग कैपिटल का इंतजाम करने में आसानी होगी। एस.बी.आई. अपने नए प्रोडक्ट एसएमई असिस्ट के तहत एस.एम.ई. कारोबारियों को सुविधा मुहैया कराएगा।
कपनी को अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से इनपुट क्रेडिट का सर्टिफिकेट बनवाना होगा। बैंक इस सर्टिफिकेट के आधार पर इनपुट क्रेडिट क्लेम का 80 फीसदी लोन देगा। इस लोन के लिए कंपनी को 2,000 रुपए प्रोसेसिंग फीस चुकानी होगी। कंपनी को इस प्रोडक्ट के तहत पहले 3 माह के मोरेटोरियम अवधि मिलेगी। यानी इस अवधि में उसे लोन का रिपेमेंट नहीं करना होगा। कंपनी लोन की राशि बुलेट पेमेंट के तौर पर या 6 माह की किश्त में चुका सकती है। एसबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एसएमई 31 मार्च तक इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं।
एसबीआई के एसएमई डिवीजन के चीएफ जनरल मैनेजर वी रामलिंग का कहना है कि इस प्रोडक्ट से एसएमई कारोबारियों को इनपुट क्रेडिट मिलने तक वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। सस्ता कर्ज मिलने से एसएमई कारोबारियों की लागत कम होगी। उससे उनके प्रोडक्ट घरेलू और विदेशी बाजार में चीन और दूसरे देश के एसमएई कारोबरियों से ज्यादा बेहतर तरीके से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। इससे उनकी बिक्री में भी इजाफा होगा। अब तक सस्ता कर्ज न मिल पाने की वजह से एसएमई कारोबारी इंटरनेशनल माकेर्ट में कीमत के मोर्चे पर दूसरे देशों के कारोबारियों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाते थे।