Edited By ,Updated: 22 Jun, 2016 05:11 PM
ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने या उसके साथ बने रहने पर कल होने वाले जनमत संग्रह से पहले निवेशकों की सतर्कता बरतते हुए की गई
मुंबईः ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने या उसके साथ बने रहने पर कल होने वाले जनमत संग्रह से पहले निवेशकों की सतर्कता बरतते हुए की गई बिकवाली के दबाव में आज शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरकर बंद हुआ। बी.एस.ई. का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सैंसेक्स 47.13 अंक अर्थात 0.18 फीसदी उतरकर 26765.65 अंक और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन.एस.ई.) का निफ्टी 16.20 अंक यानी 0.20 फीसदी गिरकर 8203.70 अंक पर रहा।
जनमत संग्रह से पहले कराए गए 2 सर्वेक्षणों में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में शामिल रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है जबकि एक सर्वे में इसके संघ की सदस्य छोडऩे की आशंका जताई गई है। इसके मद्देनजर जनमत संग्रह के परिणामों को लेकर आशंकित निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव जारी है।
हालांकि रिजर्व बैंक के उस बयान से बाजार की गिरावट पर अंकुश लगा जिसमें उसने कहा कि ब्रेग्जिट के वित्त बाजार पर होने वाले प्रभाव की निगरानी की जा रही है। वित्त बाजार में संतुलन बनाए रखने के लिए तरलता का प्रवाह बढ़ाने के साथ ही सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। शुरूआती कारोबार में सैंसेक्स 21.1 अंक फिसलकर 26791.68 अंक पर खुला लेकिन लिवाली होने से थोड़ी देर बाद ही यह 26887.29 अंक के उच्चतम स्तर को छुआ। अचानक हुई भारी बिकवाली से यह दोपहर बाद 26617.45 अंक के न्यूनतम स्तर तक लुढ़क गया। अंत में संभलते हुए पिछले दिवस के 26812.78 अंक की तुलना में 47.13 अंक उतरकर 26765.65 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी भी 6.25 अंक नीचे 8213.65 अंक पर खुला। लिवाली के बल पर कुछ देर बाद यह 8238.35 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा।
बिकवाली होने से बीच सत्र बाद यह 8153.25 अंक के निचले स्तर पर आ गया। अंत में पिछले दिवस के 8219.90 अंक के मुकाबले 16.20 अंक उतरकर 8203.70 अंक पर रहा। बी.एस.ई. का मिडकैप 0.12 फीसदी गिरकर 11405.01 अंक और स्मॉलकैप 0.60 फीसदी टूटकर 11450.59 अंक पर रहा। इस दौरान धातु, रियल्टी और हैल्थकेयर समूह की 0.42 फीसदी तक की तेजी को छोड़कर बी.एस.ई. के शेष 17 समूहों में गिरावट रही। इंडस्ट्रिल्स समूह में सबसे अधिक 0.79 फीसदी की मंदी रही। बी.एस.ई. में कुल 2780 कम्पनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1594 में बिकवाली और 987 में लिवाली हुई जबकि 199 के भाव अपरिवर्तित रहे।