RERA रूल तोड़ने पर महाराष्ट्र में जारी हुआ पहला नोटिस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jun, 2017 12:43 PM

first notice issued in maharashtra on breaking rera rules

महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने रियल एस्टेट (रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट) ऐक्ट 2016 के प्रावधानों और उसके तहत बने राज्य के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में पहला कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

मुंबईः महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने रियल एस्टेट (रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट) ऐक्ट 2016 के प्रावधानों और उसके तहत बने राज्य के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में पहला कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस एक प्रॉपर्टी ब्रोकर को जारी किया गया है। मुंबई के प्रॉपर्टी ब्रोकर साई एस्टेट कंसल्टेंट्स को नोटिस ऐसे कई रेजिडेंशल प्रॉजेक्ट्स के लिए ऐड करने की वजह से जारी किया गया जो महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (महाराष्ट्र-आरईआरए) के तहत पंजीकृत नहीं हैं। ब्रोकर अथॉरिटी के पास पहले से ही रजिस्टर्ड है लेकिन ऐक्ट के हिसाब से ब्रोकरों को सेल या ऐड की ऐक्टिविटी सिर्फ रजिस्टर्ड प्रॉजेक्ट्स में ही करने की इजाजत है।

महाराष्ट्र-आरईआरए के चेयरपर्सन गौतम चटर्जी ने बताया, 'चालू प्रॉजेक्ट्स के लिए 90 दिन का ऐड और सेल विंडो होता है, साथ ही उसको संबंधित अथॉरिटीज के पास रजिस्टर्ड होना पड़ता है। अगर ब्रोकर इस पीरियड में रजिस्टर्ड होता है तो वह नियमों के हिसाब से उन्हीं प्रॉजेक्ट्स में सेल कर सकता है जो रजिस्टर्ड होंगे। ब्रोकर ने संबंधित कानून के सेक्शन 9, 10 और रजिस्ट्रेशन रेग्युलेशन के रूल 14 का उल्लंघन किया है।'

ब्रोकर ने नोटिस मिलने की बात की पुष्टि की है। उसने अथॉरिटी को नोटिस का जवाब पहले ही भेज दिया है। महाराष्ट्र में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (RERA) ऐक्ट लागू होने के बाद कुल 22 रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट और 1100 से ज्यादा प्रॉपर्टी ब्रोकर्स ने इसके तहत रजिस्ट्रेशन कराया है। केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट (रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट) ऐक्ट 2016 लागू किया है और इसके सभी सेक्शन इस साल 1 मई से प्रभावी हो गए हैं। महाराष्ट्र ऐक्ट के तहत फटाफट अपने रूल्स का नोटिफिकेशन जारी करने वाले राज्यों में एक था। उसने अपने यहां महाराष्ट्र-आरईआरए लागू किया है।

लगभग 100 प्रस्तावकों ने रजिस्ट्रेशन के लिए अपने प्रॉजेक्ट्स के डीटेल तो दिए हैं लेकिन उन्होंने पेमेंट और सबमिशन का अंतिम चरण पूरा नहीं किया है। रेग्युलेटर को उम्मीद है कि रजिस्ट्रेशन प्रोसेस जल्द जोर पकड़ेगा और 15 जून तक बड़ी संख्या में परियोजनाओं का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।

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