7 साल में ब्रिटेन से आगे निकल जाएगा भारतीय विमानन उद्योग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 01:14 PM

indian aviation industry will overtake britain in 7 years

भारतीय विमानन उद्योग घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं की संख्या के लिहाज से वर्ष 2025 तक ब्रिटेन को पछाड़ कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन जाएगा। पिछले लगभग तीन साल के दौरान 20 प्रतिशत सालाना से ज्यादा की गति से बढ़ रहा घरेलू विमानन...

जेनेवाः भारतीय विमानन उद्योग घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं की संख्या के लिहाज से वर्ष 2025 तक ब्रिटेन को पछाड़ कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन जाएगा। पिछले लगभग तीन साल के दौरान 20 प्रतिशत सालाना से ज्यादा की गति से बढ़ रहा घरेलू विमानन उद्योग पहले ही दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है। भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों तथा यहां से विदेश यात्राओं पर जाने वालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वर्ष 2025 तक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मार्गों पर यात्रियों की संख्या के लिहाज से भी वह तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा।

भारत फिलहाल चौथे नंबर पर
अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईटा) की रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा समय में अमरीका, चीन और ब्रिटेन के बाद चौथे नंबर पर मौजूद भारत वर्ष 2025 तक ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा। साथ ही वर्ष 2030 तक इंडोनेशिया भी ब्रिटेन का पीछे छोड़ देगा। रिपोर्ट में अगले 20 साल में हवाई यात्रियों की संख्या में वृद्धि के बारे में जारी पूर्वानुमान जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि वर्ष 2036 तक भारत में हवाई यात्रा करने वालों की सालाना संख्या बढ़कर 47.8 करोड़ पर पहुंच जाएगी। वर्ष 2016 में यह 14.1 करोड़ रही थी। इस दौरान चीन भी अमरीका को पीछे छोड़ देगा। चीन में हवाई यात्रियों की संख्या 20 साल में 92.1 करोड़ से बढ़कर डेढ़ अरब और अमरीका में 40.1 करोड़ से बढ़कर एक अरब 10 करोड़ पर पहुंच जाएगी।
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हवाई यात्रियों की संख्या में होगी बढ़ौतरी
आईटा ने बताया कि इन 20 साल में दुनिया भर में हवाई यात्रियों की सालाना संख्या चार अरब से बढ़कर सात अरब 80 लाख हो जाएगी। यह रिपोर्ट विमानन क्षेत्र में 3.6 प्रतिशत की मौजूदा वृद्धि दर को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। आईटा के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेग्जेंडर डी जुनियेक ने कहा, सभी संकेतक वैश्विक स्तर पर मांग में वृद्धि की ओर इशारा कर रहे हैं। दुनिया को 20 साल में दुगने यात्रियों के लिए तैयार रहना चाहिए। यह नवाचार एवं समृद्धि की दृष्टि से खुशखबरी है। साथ ही यह सरकारों और उद्योग के लिए चुनौती भी है कि वह इस मांग को पूरी करने की क्षमता विकसित करें। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 20 साल विमानन क्षेत्र की वृद्धि में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अग्रणी भूमिका होगी। आधे से ज्यादा नए यात्री इसी क्षेत्र से होंगे।

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