Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Apr, 2024 11:27 AM
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंगलवार को शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच बायजू के निवेशकों का पक्ष सुनने के बाद राइट्स इश्यू के जरिए जुटाई राशि के इस्तेमाल पर रोक को अगली सुनवाई तक बरकरार रखा। एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने निवेशकों के साथ...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंगलवार को शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच बायजू के निवेशकों का पक्ष सुनने के बाद राइट्स इश्यू के जरिए जुटाई राशि के इस्तेमाल पर रोक को अगली सुनवाई तक बरकरार रखा। एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने निवेशकों के साथ कंपनी प्रबंधन का भी पक्ष सुना और इस मामले की अगली सुनवाई के लिए छह जून की तारीख तय की।
इस पीठ ने साल की शुरुआत में अपने आदेश में कहा था कि राइट्स इश्यू के जरिए जुटाई गई राशि एक अलग एस्क्रो खाते में रखी जाए और मामले का निपटारा न होने तक इसकी निकासी न की जाए। निवेशकों ने आरोप लगाया है कि बायजू का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न ने इस राशि का दुरुपयोग किया है और अदालत के पिछले आदेश का पालन नहीं किया है। दूसरी तरफ आर्थिक संकटों से घिरी कंपनी ने कहा कि उसने एनसीएलटी के निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया है।
बायजू पर चार निवेशकों ने न्यायाधिकरण के आदेश का उल्लंघन करने और राइट्स इश्यू के दौरान जुटाई गई कुछ राशि का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। निवेशकों प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक एक्सवी के एक समूह ने अन्य शेयरधारकों के समर्थन के साथ कंपनी प्रबंधन और राइट्स इश्यू के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था। वित्तीय मुश्किलों में घिरने के बाद कंपनी ने फरवरी में 20 करोड़ डॉलर के राइट्स इश्यू को 22 अरब डॉलर के अपने शीर्ष उद्यम मूल्य की तुलना में 99 प्रतिशत कम मूल्यांकन पर जारी किया था।