Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Mar, 2018 11:56 AM
पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ से ज्यादा के महाघोटाले का मामला सामने आने के बाद सरकारी बैंकों के शेयरों में लगातार गिरावट है। यह घोटाला 14 फरवरी को सुर्खियों में आया था और इसके बाद से 11 सरकारी बैंकों के बाजार पूंजीकरण में 56251 करोड़ रुपए की...
नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ से ज्यादा के महाघोटाले का मामला सामने आने के बाद सरकारी बैंकों के शेयरों में लगातार गिरावट है। यह घोटाला 14 फरवरी को सुर्खियों में आया था और इसके बाद से 11 सरकारी बैंकों के बाजार पूंजीकरण में 56251 करोड़ रुपए की गिरावट आई है।
बैंकों के गिरे शेयर
सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय स्टेट बैंक को हुआ है। विशेषज्ञों की मानें तो अगले 2 तिमाही तक सरकारी बैंकों पर दबाव रहेगा। पिछले एक महीने में पीएसयू बैंक इंडेक्स में 18 फीसदी से ज्यादा गिरावट रही है। इसमें पीएनबी के शेयर में 42 फीसदी, बैंक ऑफ इंडिया में 31 फीसदी, अलाहाबाद बैंक में 25 फीसदी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 25 फीसदी, सिंडिकेट बैंक में 19 फीसदी, ओबीसी में 18 फीसदी, केनरा बैंक में 16 फीसदी, एसबीआई में 16 फीसदी और बैंक ऑफ बड़ौदा में 15 फीसदी की गिरावट रही।
क्या है पंजाब नेशनल बैंक घोटाला
गौरतलब है कि पीएनबी महाघोटाले में आरोपी अरबपति डायमंड कारोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में बिना तराशे हुए हीरे आयात करने को लाइन ऑफ़ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की एक ब्रांच से संपर्क साधा। बैंक के कुछ कर्मचारियों ने कथित तौर पर नीरव मोदी की कंपनियों को फ़र्ज़ी LoU जारी किए और ऐसा करते वक़्त उन्होंने बैंक मैनेजमेंट को अंधेरे में रखा। इन्हीं फ़र्ज़ी LoU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं ने पंजाब नेशनल बैंक को लोन देने का फ़ैसला किया। इस सारे घोटाले से पर्दा तब हटा जब बैंक के भ्रष्ट अधिकारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी के अफ़सरों ने जनवरी में दोबारा इसी तरह की सुविधा शुरू करने की गुज़ारिश की। नए अधिकारियों ने यह गलती पकड़ ली और घोटाले से पर्दा हटाने के लिए आंतरिक जांच शुरू कर दी।