जरूरतमंद किसानों का कर्ज होना चाहिए माफः नाबार्ड

Edited By ,Updated: 12 Apr, 2017 02:15 PM

needy farmers should be debt free nabard

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने भारतीय रिजर्व बैंक के सुर में सुर मिलाते ...

नई दिल्लीः राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने भारतीय रिजर्व बैंक के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि किसानों के कर्ज माफ किया जाना नैतिक संकट है। नाबार्ड ने कहा कि इस तरह की सुविधाएं केवल जरूरतमंदों को ही दी जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के 36,000 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा करने के एक सप्ताह बाद नाबार्ड के चेयरमैन हर्ष कुमार भानवाला ने कहा कि कर्ज लौटाने के लिहाज से ऋण माफी एक प्रकार का नैतिक संकट खड़ा करता है।

ऋण माफी जरूरतमंद किसानों के लिए होनी चाहिए
भानवाला ने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों में इस तरह की मांग उठ रही हैं। ऐसे में ऋण माफी से पैदा होने वाले नैतिक संकट पर विचार करने की जरूरत है। इस प्रकार की माफी योजनाए केवल जरूरतमंद किसानों के लिए ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर बार कोई न कोई कर्जमाफी योजना घोषित कर दी जाती है। यह करदाताओं का पैसा है जिसे किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नाबार्ड के चेयरमैन की यह टिप्पणी रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की किसानों की ऋण माफी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किए जाने के कुछ दिन बाद आई है।

शुद्ध लाभ में हुई बढ़ौतरी
नाबार्ड ने 2016-17 के लिए अपने शुद्ध लाभ में 4.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। उसका लाभ इस दौरान बढ़कर 2,631 करोड़ रुपए हो गया जबकि बकाया कर्ज 16.27 फीसदी बढ़कर 3,080 अरब रुपए हो गया। भानवाला ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में कृषि ऋण के लिए सरकार द्वारा तय 9,000 अरब रुपए का कर्ज आंकड़ा पार होने वाला है और 2018 में यह 10,000 अरब रुपए के लक्ष्य को पार करता हुआ अपने प्रदर्शन को दोहराएगा।

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