Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 01:19 PM
सरकार चालू वित्त वर्ष में 3.2 प्रतिशत के वित्तीय घाटा का लक्ष्य आसानी से हासिल कर सकती है। वह बजट में तय 72,500 करोड़ रुपए के विनिवेश की दिशा में सही राह पर है। भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट इकोरैप में यह उम्मीद व्यक्त की गई है। रिपोर्ट में कहा गया...
नई दिल्लीः सरकार चालू वित्त वर्ष में 3.2 प्रतिशत के वित्तीय घाटा का लक्ष्य आसानी से हासिल कर सकती है। वह बजट में तय 72,500 करोड़ रुपए के विनिवेश की दिशा में सही राह पर है। भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट इकोरैप में यह उम्मीद व्यक्त की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ पूर्वानुमान के अनुसार 2017-18 में सरकार के राजस्व में बड़ी गिरावट आने वाली है जिससे वित्तीय घाटा प्रभावित हो सकता है। ऐसे पूर्वानुमान अर्थ का अनर्थ कर देते हैं और ये तार्किक आधार पर खारिज हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘वित्त वर्ष 2017-18 में 3.2 प्रतिशत का वित्तीय घाटा लक्ष्य मुश्किल नहीं दिखता। राजस्व भले ही बजट के अनुमान से कम रह सकता है लेकिन विनिवेश और खर्च में कटौती से उसकी लगभग भरपाई हो जाएगी।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार 72,500 करोड़ रुपए के विनिवेश के लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है क्योंकि अभी ही 60 हजार करोड़ रुपए का विनिवेश हो चुका है। इसी कारण कम विनिवेश प्राप्ति का डर पूरी तरह बेबुनियाद है। इसमें कहा गया है, ‘‘2009-10 के बाद यह संभवत: पहला मौका होगा जब सरकार वित्तीय घाटे के बजट लक्ष्य को हासिल करेगी।’’
चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में न्यूनतम हिस्सेदारी बेचकर एवं रणनीतिक विनिवेश के जरिए करीब 19,759 करोड़ रुपए जुटा चुकी है। इसके अलावा एच.पी.सी.एल. का ओ.एन.जी.सी. द्वारा अधिग्रहण किए जाने से करीब 30 हजार करोड़ रुपए और जनरल इंश्योरेंस में विनिवेश से 10,662 करोड़ रुपए हासिल होंगे। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय घाटा को प्रबंधित करने के लिए सरकार को खर्च में उल्लेखनीय कटौती करने की जरूरत है। उसमें कहा गया, ‘‘हमारा अुनमान है कि सरकार पूंजीगत खर्च में करीब 70 हजार करोड़ रुपए और राजस्व खर्च में 38 हजार करोड़ रुपए की कटौती कर सकती है। ऐसा करने से वित्तीय घाटा समान स्तर पर बरकरार रहेगा।’’