अनिल अंबानी की कंपनी का बुरा हाल, नहीं चुका पाई 10 बैंकों का लोन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2017 01:35 PM

over 10 banks red flag anil ambani  s rcom over missed loan payments

रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) की हालत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के अनुमान से कहीं ज्यादा खराब है। अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की यह कंपनी 10 भारतीय बैंकों को लोन की किस्त नहीं चुका पाई है।

नई दिल्लीः रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) की हालत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के अनुमान से कहीं ज्यादा खराब है। अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की यह कंपनी 10 भारतीय बैंकों को लोन की किस्त नहीं चुका पाई है। इनमें से कुछ ने आरकॉम के लोन को अपनी एसेट बुक में 'स्पेशल मेंशन अकाउंट (SMA)' कैटेगरी में डाल दिया है। एसएमए एसेट्स वैसे लोन को कहते हैं, जिसमें कर्ज लेने वाले का ब्याज बकाया होता है। अगर तय तारीख के 30 दिनों तक इसका भुगतान नहीं होता तो उसे एसएमए 1 और 60 दिनों के बाद एसएमए 2 कैटेगरी में डाल दिया जाता है। वहीं, अगर 90 दिनों तक ब्याज का भुगतान नहीं होता तो लोन नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) हो जाता है। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि यहां के 10 बैंकों ने या तो इस लोन को एसएमए 1 या एसएमए 2 कैटेगरी में डाल दिया है।

केयर और इकरा के रेटिंग घटाए जाने के बाद आरकॉम के शेयर पिछले दो हफ्ते में 20 फीसदी गिरे हैं। हालांकि, रेटिंग एजेंसियों के पास एसएमए लोन की जानकारी नहीं है। बैंक आपस में इस इंफॉर्मेशन को शेयर करते हैं और वे आरबीआई को भी इसकी जानकारी देते हैं। केयर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के चलते आरकॉम का रिस्क प्रोफाइल बढ़ गया है। इसलिए उसकी रेटिंग घटाई गई है। अगर कंपनी के लोन डिफॉल्ट की जानकारी उन्हें मिलती है तो आरकॉम की रेटिंग में और कुछ नॉच की कमी की जा सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक आरकॉम के लोन डिफॉल्ट के बारे में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘एयरसेल और ब्रुकफील्ड के साथ समझौते के बाद आरकॉम ने बैंकों से कहा कि वह 25,000 करोड़ रुपए का कर्ज 30 सितंबर 2017 तक या उससे पहले चुकाएगी। इसमें सभी शेड्यूल्ड पेमेंट तो आएंगे ही, कंपनी लोन का प्री-पेमेंट भी करेगी।’

कंपनी को जनवरी-मार्च तिमाही में 966 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा था, जो उसका लगातार दूसरा तिमाही नुकसान था। वित्त वर्ष 2017 भी कंपनी के लिए नुकसान का पहला साल रहा। मार्च 31 कंपनी पर 42,000 करोड़ का बकाया था, जिसे वह एयरसेल और ब्रूकफील्ड के साथ डील करने के बाद घटाना चाहती है। इन कंपनियों को आरकॉम 11 हजार करोड़ रुपए में अपनी टावर यूनिट रिलायंस इन्फ्राटेल का 51 फीसदी हिस्सा बेच रही है। कड़ी स्पर्धा के अलावा लागत में बढ़ौतरी के कारण चौथी तिमाही की कमाई भी प्रभावित हुई है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!