Edited By ,Updated: 18 Jan, 2017 03:41 PM
उद्योग मंडल एसोचैम ने कालेधन की समस्या से निपटने के लिए स्टांप ड्यूटी में कमी और जमीन-जायदाद का इलैक्ट्रॉनिक रूप से रजिस्ट्रेशन कराने जैसे उपायों का सुझाव दिया है।
नई दिल्ली: उद्योग मंडल एसोचैम ने कालेधन की समस्या से निपटने के लिए स्टांप ड्यूटी में कमी और जमीन-जायदाद का इलैक्ट्रॉनिक रूप से रजिस्ट्रेशन कराने जैसे उपायों का सुझाव दिया है। एसोचैम का कहना है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में कालाधन के मौजूदा भंडार को निकाला जा सकता है लेकिन गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति को सोना और जमीन-जायदाद जैसी संपत्ति में बदलने को समाप्त नहीं किया जा सकता है ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए स्टांप ड्यूटी में कमी जैसे उपाय करने का सुझाव है।
उद्योग मंडल की रिसर्च में कहा गया है, ‘‘ऊंची कीमत के नोटों को चलन से प्रतिबंधित करने से कालाधन के भंडार की समस्या दूर होगी लेकिन भविष्य में मनीफ्लो पर इसका असर नहीं होगा। इस प्रकार के मनीफ्लो को रोकने के लिए प्रॉपर्टी लेनदेन पर स्टांप ड्यूटी में कमी, जमीन-जायदाद का इलैक्ट्रॉनिक रूप से रजिस्ट्रेशन आदि जैसे उपाय करने की जरूरत होगी।’’
रिसर्च के अनुसार ऐसे संकेत हैं कि प्रतिबंधित मुद्रा का लगभग पूरा हिस्सा बैंकों में सही या गलत तरीकों से आ गया है। यह बताता है कि बड़े नोटों को चलन से बाहर करने से गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकती।
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, टैक्स अधिकारियों के पास संसाधन संबंधी रुकावटों को देखते हुए इतने बड़े पैमाने पर काले धन को सफेद बनाने की पहचान कठिन काम हो सकता है लिहाजा कुछ नए उपायों को अपनाकर इनसे छुटकारा पाया जा सकता है।