Edited By ,Updated: 26 Oct, 2016 12:56 PM
देश के सबसे बड़े बिजनैस ग्रुप टाटा संस में सोमवार को सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। साइरस मिस्त्री ने बोर्ड मेंबर्स और ट्रस्ट को भेजे एक ई-मेल में कहा
मुंबईः देश के सबसे बड़े बिजनैस ग्रुप टाटा संस में सोमवार को सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। साइरस मिस्त्री ने बोर्ड मेंबर्स और ट्रस्ट को भेजे एक ई-मेल में कहा, "इस तरह से पद से हटाए जाने से शॉक्ड हूं। उन्हें अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया। बोर्ड ने अपनी साख के मुताबिक काम नहीं किया। टाटा संस और ग्रुप कंपनियों के स्टेकहोल्डर्स के प्रति जिम्मेदारी निभाने में डायरेक्टर्स विफल रहे और कॉरपोरेट गवर्नेंस का कोई ख्याल नहीं रखा गया।’’
मिस्त्री ने कहा कि टाटा ग्रुप के इस फैसले ने उन्हें इतना हैरान कर दिया है कि वह इसे बयान नहीं कर सकते। उन्होंने बोर्ड की इस कार्यवाही कोे अमान्य और अवैध बताया है। मिस्त्री ने कथित तौर पर कहा कि उन्हें कंपनी के किसी भी मामले में कोई आजादी नहीं थी क्योंकि संस्था के अंतर्नियमों में चेयरमैन की शक्तियों को कम कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि निदेशक मंडल इस फैसले को अपनी शान न समझें। अपने चेयरमैन को बिना सफाई दिए जाने के हटाने के बाद यह कारोबार के इतिहास में एक अनूठा फैसला होगा।
मिस्त्री ने कहा है कि जिस तरह उन्हे चेयरमैन पद से हटा दिया गया वैसे भारत में पहले कभी नहीं हुआ। टाटा समूह के बोर्ड में 9 सदस्य हैं। साइरस को हटाए जाने के पक्ष में 6 लोगों ने वोट किया और दो अनुपस्थित रहे। नियम के मुताबिक, मिस्त्री वोट नहीं डाल सकते थे।
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