दूरसंचार कंपनियों ने सरकार से मदद मांगी, आ रही हैं ये दिक्कतें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Sep, 2017 11:14 AM

telecom companies have sought help from the government

डिजीटल इंडिया के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर जोर दिए जाने के बीच दूरसंचार कंपनियों ने आज फाइबर केबल

नई दिल्ली: डिजीटल इंडिया के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर जोर दिए जाने के बीच दूरसंचार कंपनियों ने आज फाइबर केबल बिछाने और टावर लगाने में आ रही दिक्कतों को रेखांकित करते हुए सरकार से मदद मांगी। विशेषकर एयरटैल व आइडिया जैसी पुरानी कंपनियों ने ऊंची स्पैक्ट्रम लागत और नियामकीय मंजूरी जैसे पुराने मुद्दों को उठाते हुए कहा कि इसके साथ मोबाइल इंटरकनैक्शन उपयोक्ता शुल्क आई.यू.सी. में कटौती का उन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

इन कंपनियों ने सरकारी भवनों में टावर लगाने के मामले में जहां राज्य सरकारों व स्थानीय नगर निकायों से बेहतर सहयोग की उम्मीद की वहीं केंद्र सरकार से महंगे स्पैक्ट्रम, विलय व अधिग्रहण, कम शुल्क दरों व व्यापार सुगमता जैसे मुद्दों में हस्तक्षेप की आशा जताई। इन कंपनियों ने यहां प्रगति मैदान में इंडिया मोबाइल कांग्रेस में अपनी समस्याएं, चिंताएं व उम्मीदें सांझा कीं। इन कंपनियों ने हालांकि इस बात पर सहमति जताई कि भारत को डिजीटल अर्थव्यवस्था बनाने, हर नागरिक को कनैक्ट करने का सपना सांझे प्रयासों से ही संभव होगा। कंपनियां यहां निवेश कर रही हैं और करेंगी जबकि सरकार से कुछ मामलों में हस्तक्षेप अपेक्षित है।

भारत में यह अपनी तरह का पहला आयोजन है जिसमें देश-दुनिया की दिग्गज मोबाइल व आई.टी. कंपनियां भाग ले रही हैं।भारती एयरटैल के प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने एक परिचर्चा में कहा, ‘‘दूरसंचार उद्योग पर कर की दर बहुत ज्यादा है। यह 29 से 32 प्रतिशत के दायरे में आता है। देश में स्पैक्ट्रम की लागत सबसे ज्यादा में से एक है जबकि कॉल दरें सबसे कम में से एक हैं। ऐसे में डिजीटल इंडिया के स्वप्न को पूरा करने के लिए इन सभी में बदलाव की जरूरत है।’’ विट्टल ने कहा कि बीते 2 साल में भारती एयरटैल का निवेश उसके द्वारा पिछले 20 साल में किए गए कुल निवेश से भी अधिक है। 

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