Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 May, 2017 10:25 AM
आने वाले समय में पैट्रोल-डीजल के लिए और जेब हल्की हो सकती है। कच्चेे तेल की पर्याप्त उपलब्धता (सैल्फ सैफीशिएंसी) में पिछले वित्त वर्ष में 17.9
नई दिल्ली: आने वाले समय में पैट्रोल-डीजल के लिए और जेब हल्की हो सकती है। कच्चेे तेल की पर्याप्त उपलब्धता (सैल्फ सैफीशिएंसी) में पिछले वित्त वर्ष में 17.9 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2011 के बाद का यह सबसे निम्न स्तर है। इसकी भरपाई के लिए देश को आयात बढ़ाना होगा। ऐसे में तेल निर्यातक दाम बढ़ा सकते हैं जिसका असर आपकी जेब पर भी पड़ेगा। पैट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालसिस सैल (पी.पी.ए.एस.) के आंकड़ों के अनुसार इस साल देश में कच्चे तेल की पर्याप्त उपलब्धता में 16.6 प्रतिशत की कमी आई है। इसकी एक बड़ी वजह भारत में तेल की खपत में तेज वृद्धि और घरेलू उत्पादन की कमी है।
देश में पिछले वित्त वर्ष में पैट्रोल, डीजल, एल.पी.जी. सहित पैट्रोलियम पदार्थों की खपत 3.3 प्रतिशत बढ़ी है जबकि अप्रैल 2017 में 10.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में देश में पैट्रोलियम पदार्थों की खपत 19.4 करोड़ टन रही। इसमें घरेलू उत्पादन की हिस्सेदारी 3.4 करोड़ टन रही जबकि वर्ष 2011-12 में कुल खपत 14.8 करोड़ टन थी जिसमें घरेलू उत्पादन 3.5 करोड़ टन था। इस तरह पिछले 5 सालों में देश में तेल की खपत में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जबकि इसी अवधि में घरेलू उत्पादन में गिरावट आई है।