Edited By ,Updated: 01 Feb, 2017 10:31 AM
वित्त मंत्री अरुण जेतली आज साल 2017-18 के लिए बजट पेश करने जा रही है। इस बार रेल बजट भी आम बजट का ही हिस्सा होगा।
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेतली आज साल 2017-18 के लिए बजट पेश करने जा रही है। इस बार रेल बजट भी आम बजट का ही हिस्सा होगा। आपको बता दें कि 1924 से रेल बजट अगल से पेश होता था।
इस बार देश को सुरेश प्रभु की जगह जेतली से उम्मीदें हैं। उम्मीद है कि वे भारतीय रेल की तस्वीर बदलने के लिए कुछ खास योजनाएं लेकर आएंगे। भारतीय रेल की ताजा हालत पर नजर डालें तो कुछ ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें तत्काल दूर करने की आवश्यकता है।
वेटिंग टिकट
देश डिजिटल युग में प्रवेश कर चुका है। मोदी सरकार भी कैशलेस अर्थव्यवस्था पर जोर दे रहा है लेकिन जब आप रेल का टिकट बुक करने बैठते हैं तो बहुत ही भाग्यशाली किस्म के लोगों के हाथ ही कंफर्म टिकट आता है। अधिकतर लोग वेटिंग टिकट ही बुक कर पाते हैं और यात्रा के अंतिम दौर तक पीएनआर स्टेटस चेक करते रहते हैं। इसके सुधार के लिए कुछ योजना रेलवे ने चलाई खासकर 'डायनमिक फेयर' और तत्तकाल टिकट।
भीड़
भारतीय रेल के माध्यम से देश में कहीब 2.5 करोड़ लोग प्रतिदिन सफर करते हैं। यही वजह है कि आप को रेल यात्रा के हर मौके पर भीड़ ही भीड़ देखने को मिलती है। सबसे पहले टिकट काऊंटर पर, वेटिंग रूम में, ट्रेन में सवार होने के लिए (खासकर जनरल डिब्बे), फूड स्टॉल पर, पीने वाले पानी के लिए नलों तक लंबी-लंबी लाइन लगी रहती है। जेतली जी आप से अपील है कि कुछ ऐसा करें कि ये भीड़ कम हो जाए।
स्टेशन
रेलवे स्टेशन (आईएसओ प्रमाणित कुछ स्टेशनों को छोड़) ऐसी जगह होती है जहां आप तभी जाना चाहेंगे जब आपकी मजबूरी हो। स्टेशन की पार्किंगों में गाड़ियों का और निकास-प्रवेश गेट पर जन समूह का कब्जा रहता है। इसके अलावा कोनों में जो गंदगी का अंबार लगा रहता है वह अलग। स्टेशन पर पूछताछ काऊंटर पर लगे बोर्ड ठंड के दिनों में लोगों को हताश करते रहते हैं। इसके अलावा खाने-पीने की चीजों में भी यात्री खुद को ठगा हुआ महसूस करता है।