Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 08:11 PM
अभी तक अपनी सबसे मजबूत कार्रवाई में, यूआईडीएआई ने अस्थायी रूप से भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक को ईकेवाईसी प्रक्रिया के साथ-साथ भुगतान बैंक ग्राहकों के ई-केवाईसी का उपयोग करके आधार-आधारित सिम सत्यापन करने से रोक दिया है। यह कार्रवाई भारती...
नई दिल्ली: आधार जारी करने वाले प्राधिकार यूआईडीएआई ने भारती एयरटेल व एयरटेल पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका ई-केवाईसी लाइसेंस अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है। एयरटेल व एयरटेल पेमेंट्स बैंक अब ई-केवाईसी के जरिए अपने मोबाइल ग्राहकों के सिम कार्ड का आधार कार्ड आधारित सत्यापन नहीं कर सकेंगी। इसी तरह उसे अपने पेमेंट बैंक ग्राहकों के सत्यापन के लिए भी ई-केवाईसी प्रक्रिया अपनाने से रोक दिया गया है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यूआईएडीआई) ने यह कार्रवाई भारती एयरटेल पर आधार ई-केवाईसी आधारित सिम सत्यापन प्रक्रिया के कथित दुरुपयोग के आरोपों के चलते की है। आरोप है कि एयरटेल ने अपने अपने ग्राहकों की ‘समुचित सहमति’ लिए बिना ही उनके बैंक खाते खोल दिए जबकि वे तो अपने सिम का आधार आधारित केवाईसी करवाने आते थे। इसके साथ ही यूआईडीएआई ने इन आरोपों पर भी गंभीर आपत्ति जताई है कि कंपनी ने इन पेमेंट बैंक खातों को एलपीजी रसोई गैस सब्सिडी हासिल करने के लिए भी सम्बद्ध किया जा रहा था।
सूत्रों के अनुसार यूआईडीएआई ने एक अंतरिम आदेश में कह कि भारती एयरटेल लिमिटेड तथा एयरटेल पेमेंट्स बैंक की ई-केवाईसी लाइसेंस कुंजी तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। इसका मतलब यही है कि एयरटेल कम से कम फिलहाल तो अपने ग्राहकों के सिम कार्ड को उनके आधार से सम्बद्ध करने के लिए यूआईडीएआई की ई-केवाईसी प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। इसके साथ ही एयरटेल पेमेंट््स बैंक आधार ई केवाईसी के जरिए नये खाते भी नहीं खोल पाएगा। हालांकि, इसके लिए अन्य उपलब्ध माध्यमों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा कि हम इसकी पुष्टि कर सकते हैं कि हमें आधार सम्बद्ध ई -केवाईसी सेवाओं के अस्थायी निलंबन के संबंध में यूआईडीएआई का अंतरिम आदेश मिला है। उन्होंने कहा कि यह निलंबन एयरटेल पेमेंट्स बैंक से ग्राहकों को जोडऩे से जुड़ी कुछ प्रक्रियाओं को लेकर संतुष्ट होने तक किया गया है। प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि इस मुद्दे का शीघ्र ही कोई समाधान निकाल लिया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि एयरटेल पेमेंट्स बैंक के 23 लाख से अधिक ग्राहकों को उनके इन बैंक खातों में 47 करोड़ रुपये मिले जिनके खोले जाने की उन्हें जानकारी तक नहीं थी। सूत्रों ने कहा कि यूआईडीएआई के ध्यान में यह मामला लाया गया था कि एयरटेल के रिटेलरों ने कंपनी के उन उपभोक्ताओं के एयरटेल बैंक में भी खाते खोल दिए जो कि अपने सिम का सत्यापन आधार के जरिए करवाने आए थे। इस बारे में ग्राहकों को पता तक नहीं चला। यही नहीं सम्बद्ध लोगों की एलपीजी सब्सिडी तक ऐसे खातों में आने लगी।