पश्चिम बंगाल की चाय बागान के 15 प्रतिशत भूमि का वैकल्पिक इस्तेमाल की योजना

Edited By ,Updated: 30 Jun, 2016 03:17 PM

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बंद पड़े चाय बागान के कामगारों की तकलीफ को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल की चाय बागान के 15 प्रतिशत भूमि की पेशकश किसी ...

कोलकाता : बंद पड़े चाय बागान के कामगारों की तकलीफ को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल की चाय बागान के 15 प्रतिशत भूमि की पेशकश किसी वैकल्पिक इस्तेमाल के लिए पेश करने की योजना है। प्रदेश के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने आज विधानसभा को यह जानकारी दी।

एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मित्रा ने कहा कि खेती के लिए भूमि के वैकल्पिक इस्तेमाल से कामगारों को मदद मिलेगी और इसी बार में अलीपुरद्वार की प्रशासनिक बैठक में विचार विमर्श किया गया था।  मित्रा, विपक्ष के बंद पड़े चाय बागानों के बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उत्तरी बंगाल में और राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक द्वारा कल दिये गये अंतरविरोधी बयानों के आरोपों का उत्तर दे रहे थे।

मित्रा ने कहा कि सरकार 6 चाय बागान.. रेड बैंक, सुरेन्द्र नगर, धारानीपुर, देखलापारा, बन्दापानी, मधु और रहीमाबाद के अधिग्रहण की आेर ध्यान दे रही है।  मंत्री ने कहा कि सरकार पहले दार्जिलिंग और डूअर्स में पांच परित्यक्त चाय बागानों के लिए जो तरीका अपनाया था, फिर वहीं तरीका अपना सकती है।

प्रदेश सरकार ने बोली के जरिये इन बागानों का अधिग्रहण करने के बाद इन बागानों की नीलामी कर दी थी।  डनकन के बंद पड़े 7 चाय बागानों पर केन्द्र की भूमिका की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि तीन महीने के अधिग्रहण के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई है। अभिरचि पत्र को जारी किया गया लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है और कामगार संकट में हैं।

हालांकि प्रदेश सरकार ने कामगारों के लिए कई उपाय किये हैं। मित्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 3,185 कामगारों को पेंशन की पेशकश की जबकि हजारों कामगारों को सामाजिक योजनाआें और आई.सी.डी.एस. के जरिए लाभ प्राप्त हुआ। 

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