सिलैंडर ब्लास्ट का मामला : PGI रैफर करते तो बच सकती थी जान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 10:40 AM

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पंचकूला में 18 अक्तूबर की रात सिलैंडर ब्लास्ट की घटना में 7 लोगों की जान चली गई थी।

पंचकूला (आशीष): पंचकूला में 18 अक्तूबर की रात सिलैंडर ब्लास्ट की घटना में 7 लोगों की जान चली गई थी। घटना के बाद मृतकों के घरवाले सैक्टर-6 जनरल अस्पातल के डॉक्टरों की कार्यप्रणाली को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। उनके मुताबिक इस अस्पताल के डॉक्टरों को यह पता नहीं चलता कि मरीज की हालत कितनी गंभीर है और इसे कहां रैफर करना चाहिए। मृतकों के परिजनों का कहना है कि सरकारी तंत्र ने न तो अभी तक उनका हाल जाना न ही कोई मुआवजा दिया। परिजनों का यह भी कहना था कि घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, यही उनके लिए मुआवजा होगा। 

 

परिजनों के मुताबिक घटना वाली रात अगर जनरल अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड के डॉक्टर ब्लास्ट इंजरी के शिकार लोगों को पी.जी.आई. रैफर कर देते तो शायद मरने वालों का आंकड़ा 7 तक नहीं पहुंचता। परजिनों के मुताबिक घटना वाली रात जब सभी को जनरल अस्पताल ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों से उन्हें पी.जी.आई. रैफर करने की गुजारिश की पर डॉक्टरों ने ऐसा करने का अधिकार न होने का हवाला देते हुए सभी को जी.एम.सी.एच.-32 रैफर कर दिया।  दीवाली से एक दिन पहले सैक्टर-10 में सिलैंडर ब्लास्ट की घटना में 7 लोगों की जान गई थी। 

 

क्राइम ब्रांच उस एजैंसी के कारिदों को तलाश रही है, जहां से सिलैंडर आया था। इंडेन का यह लीक सिलेंडर ब्लैक में दिया गया था। किसकी मिलीभगत से पंचकूला में गैस सिलैंडरों की कालाबाजारी हो रही है, इसकी भी जांच जारी है। वहीं हादसे के 48 दिन बाद भी पंचकूला प्रशासन द्वारा किसी भी गैस एजैंसी का रिकार्ड नहीं जांचा जा सका है। वहीं मामले में सैक्टर-5 पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। केस की इन्वैस्टिगेशन क्राइम ब्रांच सैक्टर-12 कर रही है। वहीं, सैक्टर-10 में कोठी नंबर-702 के आसपास के मकानों में सी.सी.टी.वी. कैमरों को देखा जा रहा है ताकि यहां गैस सिलैंडर की सप्लाई करने वाली गाड़ी का पता चल सके। 

 

हादसे मेंं दो पोते खोए
सैक्टर-10 के 702 में रहने वाली जयवंती गर्ग भी घटना में घायल हुई थी। उन्होंने 10 दिन पहले ही अपनी बहू खोई थी लेकिन दिवाली से ठीक एक दिन पहले हादसे के बाद उनके पोते भी घटना का शिकार हो गए। जयवंती चाहती हैं कि इस घटना के दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। 

 

गली के 7 घरों के सदस्य मारे गए 
हादसे मे पति खो चुकी करुणा शर्मा के मुताबिक एक समय था जब गली में रौनक होती थी पर आज सन्नाटा पसरा हुआ है। उन्होंने नम आंखों से कहा कि एक दीया जलने के चक्कर में गली के 7 लोग इस घटना के शिकार हो गए पर अभी तक प्रशासन और स्थानीय एम.एल.ए. ने उनकी सुध नहीं ली। घटना में पति खो चुकी सुनीत सिंगला ने कहा कि उन्हें तभी इंसाफ मिलेगा जब दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। 


 

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