नगर निगम ने दिए निर्देश, पंजाब यूनिवर्सिटी में नियुक्त हो एक फायर ऑफिसर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 01:31 PM

instructions given by the municipal corporation

पंजाब यूनिवर्सिटी में भी एक फायर ऑफिसर नियुक्त होना चाहिए ताकि आगजनी की घटनाएं से बचा जा सके।

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी में भी एक फायर ऑफिसर नियुक्त होना चाहिए ताकि आगजनी की घटनाएं से बचा जा सके। यह निर्देश नगर निगम ने पी.यू. को जारी किए हैं। नैशनल बोर्ड ऑफ कोड (एन.बी.सी.) सत्र-2016  के तहत यह नए नियम तय किए गए हैं कि पी.यू. जैसी संस्थाओं में एक फायर ऑफिसर की नियुक्ति जरूर होनी चाहिए। 

 

रिपोर्ट में यह भी कहा है कि एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक के  अकाऊंट्स ब्रांच की बेसमैंट बनी हुई है। बिल्डिंग पांच मंजिला है, जिसमें फॉयर सिस्टम तो हैं लेकिन कोई भी काम नहीं कर रहा था। आग लगने की घटना के बाद  पी.यू. प्रबंधन भले ही कहता रहा हो कि फायर सिस्टम होने के कारण हम काफी हद तक बिल्डिंग बचा पाए हैं, लेकिन जो  रिपोर्ट निगम के फायर स्टेशन ने जांच के बाद पी.यू. को भेजी है उससे साफ है कि  यहां लगाए गए फायर सेफ्टी सिस्टम काम नहीं कर रहे थे। रिपोर्ट पी.यू. की 25  जून को होने वाली  सिंडीकेट मीटिंग में भी आएगी। 

 

रिपोर्ट में निगम ने पी.यू. को निर्देश भी दिए हैं कि पी.यू. में आगजनी जैसी घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है। निगम के स्टेशन फॉयर ऑफिसर ने नोटिस में साफ कहा कि पी.यू. को पहले भी आगजनी से निपटने के लिए कई हिदायतें दी जा चुकी हैं पर इन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पी.यू. के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक  के अलावा कई हॉस्टलों में भी आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए कोई नियम नहीं अपनाए गए हैं। एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में रोजाना सैंकड़ों कर्मियों, स्टूडैंट व आम लोगों का आना-जाना रहता है। ऐसे में आगजनी से निपटने के लिए सुरक्षा नियमों पर अमल करना जरूरी है। 

 

रिपोर्ट में ये आया सामने :

-होज रील एवं डाऊन कार्नर नहीं कर रहे थे काम। 

-ऑटोमैटिक  फॉयर सिस्टम नहीं कर रहा था काम। 

-मैनुअल  इलैक्ट्रॉनिक फायर अलार्म सिस्टम नहीं कर रहा था काम। 

-यार्ड हाईड्रैंट भी पीयू.को नहीं दिए गए।

-वैट राईजर और एसैसरीज भी वहां नहीं थी। 

-एन.आर.वी. के साथ फॉयर ब्रिग्रेड कनैक्शन काम नहीं कर रहा था। 
 

ये हिदायतें लाई जानी चाहिए अमल में :

-कैंपस में एक फॅायर आफिसर होना चाहिए जिसे 3 साल का अनुभ हो। 

-लोकल फॉयर सिस्टम से टॉयअप कर आटोमैटिक स्प्रीकल्र्स को जमीन पर लागा जाना चाहिए। 

-फायर एक्सटींग्यूशर आई.एस.आई. मार्क वाला हो। 

-अंडर ग्राऊंड स्टेटिक फायर वाटर 75 हजार लीटर और टैरेस पर भी 10 हजार लीटर का टैंक होना चाहिए। 

-लकड़ी के सामान को फॉयर रसिस्टैंट पेंट और फॅायर रसिस्टमैंट  सिस्टम लगा होना चाहिए। 

-सीढिय़ों और लिफ्ट पर प्रैशराइजेशन सिसम्टम भी लगा होना चाहिए। 

-ग्राऊंड फ्लोर की एंट्रैस पर फायर कंट्रोल रूम होना चाहिए। 

-एक्सटरनल सीढ़ीयां होनी चाहिए और यहां एमरजैंसी लाईट होनी चाहिए। इनके अलावा टॉक बैक सिस्टम, बेसमैंट वैंटीलेसन, फायर चैक डोरस, पब्लिक एड्रैस सिस्टम आदि होना चाहिए। पी.यू. प्रबंधन ने यह कॉपी पी.यू. के एक्सियन को भेदी है ताकि इन निर्देशों का पालन किया जा सके।

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