32 करोड़ से खरीदी जाएंगी 20 बैटरी ऑप्रेटिड बसें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 10:47 AM

will be purchased from 20 battery operated buses

इस साल शहर का पॉल्यूशन लेवल ‘वेरी पूअर’ कैटेगरी तक पहुंच गया था।

चंडीगढ़ (विजय): इस साल शहर का पॉल्यूशन लेवल ‘वेरी पूअर’ कैटेगरी तक पहुंच गया था। अब प्रशासनिक अधिकारियों के सामने भविष्य के चिंता खड़ी हो गई है। स्मॉग से निपटने के लिए तो फिलहाल कोई प्लानिंग सिरे नहीं चढ़ पाई है, लेकिन एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए अब चंडीगढ़ का ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट डीजल से चलने वाली बसों से बैटरी ऑपरेटिड बसों की ओर तेजी से शिफ्ट होने जा रहा है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट जल्द ही 20 बसों की खरीद करने जा रहा है। खास बात यह है कि एक बस की कीमत लगभग डेढ़ करोड़ होगी। 

 

इस तरह लगभग 32 करोड़ रुपए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट की ओर से खर्च किए जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले महीने ही मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डेवलपमैंट ने चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सी.टी.यू.) के शहर के रूट्स में बैटरी ऑपरेटिड व्हीकल्स को उतारने के प्रोपोजल को मंजूरी दे दी है। मिनिस्ट्री की ओर से यह भी कहा गया है कि बैटरी ऑपरेटिड बसों की खरीद करने पर 60 प्रतिशत फंडिंग भी की जाएगी। सितंबर में सी.टी.यू. की ओर से मिनिस्ट्री के पास बैटरी ऑपरेटिड बसों को खरीदने के लिए प्रोपोजल सब्मिट कराया गया था। जिसमें सी.टी.यू. की ओर से फंड की डिमांड की गई थी। 

 

सैक्रेटरी के पास भेजी फाइल
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट ने बसों की खरीद के लिए प्रोपोजल तैयार कर लिया है। टैंडर की फाइल डिपार्टमैंट के ऑफिसर्स के पास अप्रूवल के लिए भेज दी गई है। टैंडर के प्रोपोजल को अप्रूवल मिलने के बाद डिपार्टमैंट द्वारा जल्द ही कंपनी फाइनल कर ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार बैटरी ऑपरेटिड बसें महंगी जरूर हैं लेकिन ये ऑर्डिनेरी बसों से अधिक चलती हैं। डीजल बसें जो इस समय सी.टी.यू. इस्तेमाल कर रहा है उन्हें 8 साल तक चलाया जा सकता है, जबकि इन बसों की लाइफ 10 साल तक की होती है। एक बार चार्ज होने पर ये बसें 255 किलोमीटर तक चल जाती हैं। एक बस को चार्ज होने में लगभग 6 घंटे का समय लगता है। 

 

17 करोड़ मिनिस्ट्री देगी
महंगी बसें होने के बावजूद प्रशासन को थोड़ा रिलीफ इस बात से मिला है कि मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डेवलपमैंट अपने शेयर से बसों की खरीद करने के बाद प्रशासन को लगभग 17 करोड़ रुपए देगा। अधिकारियों के अनुसार बसें महंगी जरूर हैं लेकिन एनवायरमेंट फैं्रडली होने की वजह से भविष्य में इन बसों की जरूरत बढऩे वाली है। यही वजह है कि फेज वाइज बसों की पर्चेजिंग की जा रही है। बैटरी ऑपरेटिड बसों का फार्मूला कामयाब रहा तो आने वाले समय में कुछ और बसों को खरीदा जाएगा।

 

एयर पॉल्यूशन घटाने पर प्रशासन का फोकस
वायु प्रदूषण के मामले में इस साल चंडीगढ़ के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। पहली बार विभिन्न जगहों में लगाई गई पांच मशीनों में एयर क्वालिटी इंडैक्स वेरी पूअर कैटेगरी में आया है। यही वजह है कि प्रशासन अब डीजल से चलने वाले वाहनों की सेवाएं कम से कम ले रहा है। जिससे कि एयर क्वालिटी में थोड़ा सुधार हो सके। इससे पहले प्रशासन ने डीजल से चलने वाली टैक्सी को भी 31 दिसंबर के बाद चलने से प्रतिबंध लगा दिया था।


 

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