Edited By ,Updated: 20 Feb, 2017 09:28 AM
आचार्य चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी विद्वान थे। चाणक्य जैसे बुद्धिमान, रणनीतिज्ञ, चरित्रवान व राष्ट्रहित के प्रति समर्पित भाव वाले व्यक्ति भारत के इतिहास में ढूंढने से भी बहुत
आचार्य चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी विद्वान थे। चाणक्य जैसे बुद्धिमान, रणनीतिज्ञ, चरित्रवान व राष्ट्रहित के प्रति समर्पित भाव वाले व्यक्ति भारत के इतिहास में ढूंढने से भी बहुत कम मिलते हैं। इनकी नीतियों में उत्तम जीवन का निर्वाह करने के बहुत से रहस्य समाहित हैं, जो आज भी उतने ही कारगर सिद्ध होते हैं। जितने कल थे। इन नीतियों को अपने जीवन में अपनाने से बहुत सी समस्याओं से बचा जा सकता है। चाणक्य के अनुसार आत्मसम्मान के हनन से विनाश होता है।
आत्मायत्तौ वृद्धिविनाशौ।
भावार्थ:जिस राजा का आत्मसम्मान चला जाता है, उसके राज्य की श्रीवृद्धि रुक जाती है। वह ठीक से पनप नहीं पाता। प्रजा में निराशा और कुंठाएं अपने पांव पसार लेती हैं।