Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 03:14 PM
व्यक्ति को जीवन में ऐसे काम करने चाहिए जिससे उसे पुण्य की प्राप्ति हो। लेकिन व्यक्ति कई बार ऐसे काम कर लेता है जिससे उसके सारे पुण्य खत्म हो जाते हैं। वाल्मीकि
व्यक्ति को जीवन में ऐसे काम करने चाहिए जिससे उसे पुण्य की प्राप्ति हो। लेकिन व्यक्ति कई बार ऐसे काम कर लेता है जिससे उसके सारे पुण्य खत्म हो जाते हैं। वाल्मीकि रामायण में ऐसे ही तीन कामों के बारे में बताया गया है कि जिससे व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है। व्यक्ति को भूलकर भी इन कार्यों को नहीं करना चाहिए।
परस्वानां च हरणं परदाराभिमर्शनम्।
सुह्मदयामतिशंका च त्रयो दोषाः क्षयावहाः।।
दूसरों की वस्तु को हड़पने वाले को महापापी माना जाता है। दूसरों की चीज को छल से या चुराकर हासिल करने से व्यक्ति के सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं। चुराई वस्तु से कभी सुख नहीं मिलता अपितु उससे व्यक्ति को नुक्सान झेलना पड़ता है। चोरी करने अौर उसका साथ देने वाले व्यक्ति को तामिस्र नामक नरक में दुःख भोगना पड़ते हैं। व्यक्ति को दूसरों की चीजें चुराने से बचना चाहिए।
कुछ लोग पराई स्त्री पर बुरी नजर रखते हैं। जिसके कारण वे सही-गलत को न देखते हुए पराई स्त्री से संबंध बना लेते हैं। धर्म ग्रंथों में इसे महापाप माना जाता है। ग्रंथों के अनुसार इस पाप का प्रायश्चित किसी भी तरह नहीं होता। ऐसे काम करने वालों को इसके परिणाम झेलने पड़ते हैं। पराई स्त्री के साथ संबंध बनाने वाले को जयंती नामक नरक में उनके पापों की सजा मिलती है।
अधिकतर लोग अपने दोस्तों अौर परिजनों पर अत्यधिक विश्वास करते हैं। ऐसे लेगों को साथ धोखा करना अौर उनका विश्वास तोड़ना भी महापाप होता है। ऐसा करके व्यक्ति कुछ समय के लिए तो लाभ पा लेता है लेकिन बाद में उसे इसके परिणाम झेलने पड़ते हैं। व्यक्ति के इस प्रकार के कार्य से भगवान भी रुष्ट हो जाते हैं। जिससे व्यक्ति को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए कभी भी अपनों का विश्वास तोड़कर उन्हें धोखा नहीं देना चाहिए।