किनारे की तरफ सिंदूर लगाने वाली महिलाओं के पति आयु हो जाती है कम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Feb, 2018 06:29 PM

importance of sindoor for womens

हिंदू समाज में शादीशुदा स्त्री के लिए सिंदूर व मंगल सूत्र पहनने का बहुत महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में भी सिंदूर की बहुत महत्ता है। लेकिन इसको इतनी अहमियत क्यों दी जाता है व केवल विवाहित स्त्रियों के लिए ही इसे लगाना आवश्यक क्यों माना जाता है।

हिंदू समाज में शादीशुदा स्त्री के लिए सिंदूर व मंगल सूत्र पहनने का बहुत महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में भी सिंदूर की बहुत महत्ता है। लेकिन इसको इतनी अहमियत क्यों दी जाता है व केवल विवाहित स्त्रियों के लिए ही इसे लगाना आवश्यक क्यों माना जाता है। तो आईए आज हम आपको इन सवालों का जवाब दें कि आखिर क्यों धर्म ग्रंथों मे सिंदूर के महत्व दिया गया है।


परंपरा
हिंदू परंपराओं में से अधिकतर के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण जरूर छुपा है। ऐसा ही एक कारण मांग में सिंदूर भरने के पीछे भी है। दरअसल, सिर के बीच जिस स्थान पर मांग भरी जाती है वहां एक विशेष ग्रंथि पाई जाती है। जिसे हमारे शास्त्रों में ब्रह्मारंध्र कहा गया है।

स्त्रियों के शरीर में यह जगह बहुत अधिक संवेदनशील होती है। इस जगह पर सिंदूर लगाने से तनाव कम होता है व दिमाग से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना कम हो जाती है, क्योंकि सिंदूर में पारा नाम की धातु मौजूद होती है।


विभिन्न मान्यताएं
ये तथ्य ज्योतिषीय और सामाजिक मान्यताओं, दोनों पर ही आधारित हैं, लेकिन अंत में इसके पीछे का पौराणिक महत्व भी हम आपको समझाएंगे। मान्यताओं के अनुसार यदि पत्नी के मांग के बीचो-बीच सिंदूर लगा हुआ है, तो उसके पति की अकाल मृत्यु नहीं हो सकती है। माना जाता है कि यह सिंदूर उसके पति को संकट से बचाता है।


यहां बिल्कुल न लगाएं
एक और मान्यता के अनुसार जो स्त्री बीच मांग में सिंदूर लगाने की बजाए किनारे की तरफ सिंदूर लगाती है, उसका पति उससे किनारा कर लेता है।

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