तीर्थ यात्रा और यज्ञ-अनुष्ठान से लाभ नहीं मिल रहा, जानें कारण

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 May, 2017 07:11 AM

pilgrimage and yajna rituals are not getting benefit know why

किसी देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए भारी-भरकम दान देने और महंगी पूजा करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ मन को उस देवता की तरह सरल बनाने की

किसी देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए भारी-भरकम दान देने और महंगी पूजा करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ मन को उस देवता की तरह सरल बनाने की आवश्यकता है। हम किसी मातृशक्ति की पूजा कर उसे प्रसन्न करना चाहते हैं तो हमें सबसे पहले अपनी जन्म देने वाली मां को प्रसन्न करना चाहिए। वैसे भी मां का दर्जा बहुत ऊंचा है।


धर्मग्रंथों में कहा गया है कि जन्मभूमि और जन्म देने वाली मां स्वर्ग से भी ज्यादा श्रेष्ठ है। तराजू के एक पलड़े पर स्वर्ग का सुख और एक पलड़े पर मां को बैठाया जाए तो मां का पलड़ा भारी रहेगा। यदि कोई मां को छोटी-छोटी बातों पर अपमानित कर देवीधाम का चक्कर लगाए तो यह किसी भी दृष्टि से नैतिक नहीं है। प्राय: अपने संगे-संबंधियों का हक छीनकर, नाजायज तरीके से दूसरे का हिस्सा लेकर यदि कोई यज्ञ-हवन करेगा तो उसका लाभ निश्चित रूप से उसे ही मिलेगा, जिसका हिस्सा लिया गया है। प्राय: लोगों से सुनने में आता है कि बहुत तीर्थयात्राएं कीं, यज्ञ-अनुष्ठान किए, किंतु कोई लाभ नहीं मिला। लाभ तो मिला क्योंकि किसी भी निवेश का रिटर्न तो मिलता ही है। हां, लाभ उसको मिला जिसके हिस्से के धन से पूजन कार्य किया गया। भगवान को रिझाना है तो सिर्फ उत्तम आचरण से, न कि प्रलोभन से। भगवान शंकर को तो एक लोटा जल से प्रसन्न किया जा सकता है। कोई कुटिलता का परिचय दे और लोगों से चाहे कि लोग उसके प्रति सहृदयी रहें तो यह संभव नहीं।


यज्ञ-अनुष्ठान और दान के बदले यदि प्रेम, सहयोग, सद्भाव, करुणा रूपी दान परिवार, समाज में किया जाए तो यह ज्यादा प्रभावशाली होगा। पूजा-पाठ तो अच्छे संस्कारों के प्रति लगाव के लिए किया जाना चाहिए, न कि नौकरी, जमीन-जायदाद, मुकद्दमे आदि में जीत के लिए। राह चलते कोई व्यक्ति घायल दिख जाए और हम उसे अनदेखा कर मंदिर जाएं तो कोई लाभ नहीं। हो सकता है कि भगवान परीक्षा ले रहा हो कि हम सहृदयी हैं या हृदयहीन। इसलिए अपने कार्यों, विचारों, चाल-चलन से भगवान की कृपा जल्दी हासिल की जा सकती है, न कि ढकोसले करने से। विद्वानों की नजर में ढकोसला, दिखावा और आडंबर आदि नकारात्मक मार्ग हैं।
 

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