Edited By ,Updated: 08 Mar, 2017 03:06 PM
जब व्यक्ति पर संकट आता है तो वो उससे ऊबरने के लिए हर वो मार्ग अपनाता है, जिस पर
जब व्यक्ति पर संकट आता है तो वो उससे उबरने के लिए हर वो मार्ग अपनाता है, जिस पर उसे कभी विश्वास न था। ऐसा करके कई बार वो अनचाहे संकटों के दलदल में फंसता चला जाता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसा सरल माध्यम जिसे अपना कर आप अपनी हर इच्छा को पूरी कर सकते हैं। जीव के दोष मात्र का कारण उसका अहंकार तथा अभिमान है। इस अहंकार का उदय न हो तथा दीनताभाव सदैव सुदृढ़ रहे इसके लिये “श्री कृष्ण शरणम ममः” अर्थात मेरे लिये श्री कृष्ण ही शरण हैं, रक्षक हैं, आश्रय हैं, वही मेरे लिये सर्वस्व हैं। मैं दास हूं, प्रभु मेरे स्वामी हैं और मैं आपकी शरण में हूं। इस भावना से दीनता बनी रहती है, तथा अहंकार का उदय नहीं होता। भगवान श्री कृष्ण परमब्रह्म पुरुषोत्तम हैं, उनकी अनन्यभाव से भक्ति करने वाले जीवों का सर्व विधि कल्याण है। विद्वानों ने समस्त दोषों तथा दुःखों की निवृत्ति के लिए एवं निर्दोष बनने के लिए तथा आत्यन्तिक सुख प्राप्ति के लिए भगवान श्री कृष्ण की शरण में जाने की शिक्षा तथा दीक्षा दी है।
घर की इन दिशाओं में दीपक लगाने से पूरी होती हैं सभी इच्छाएं
रोगों से मुक्ति के लिए प्रतिदिन सूर्य देव के चित्रपट अथवा श्रीविग्रह के आगे दीपक लगाएं।
श्रीकृष्ण के आगे दीपक लगाने से जीवन साथी की तलाश पूरी होती है।
रूक्मणी और श्रीकृष्ण के आगे दीपक लगाने से मनभावन जीवन साथी मिलता है।
बुरे सपनों का डर सताता है तो सोने से पहले हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप के आगे दीया जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
घर के मंदिर की उत्तर दिशा में धन के देवता कुबेर का स्वरूप स्थापित करें। पैसों से संबंधित जैसी भी समस्या हो प्रतिदिन दीपक लगाने से हल हो जाएगी।
घर और कार्यस्थान पर गणपति बप्पा का स्वरूप स्थापित करें। दिन का आरंभ उनके आगे दीपक लगा कर करें।
राम दरबार के आगे प्रतिदिन दीपक लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।