Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 12:52 PM
सीबीएसई और किसी भी अन्य बोर्ड से बाहरवीं करने वाले स्टूडेंट्स को रिजल्ट में ...
नई दिल्ली : सीबीएसई और किसी भी अन्य बोर्ड से बाहरवीं करने वाले स्टूडेंट्स को रिजल्ट में दिए जाने वाले मॉडरेशन मार्क्स का लाभ अब नहीं मिलेगा। इस संबंध में एचआरडी मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों और एजुकेशन बोर्ड्स को आज एडवाइजरी जारी की है। इस संबंध में एचआरडी मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों और एजुकेशन बोर्ड्स को जारी की गई एडवाइजरी मे बताया गया है कि वैसे तो पिछले रिजल्ट से पहले ही सभी बोर्ड्स इस पर सहमत हो गए थे कि मॉर्क्स मॉडरेट नहीं किए जाएंगे लेकिन कई बोर्ड्स ने तब भी नंबर बढ़ाए थे। मॉडरेशन मार्क्स खत्म होने से डीयू और अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश की सौ फीसदी कटऑफ पर विराम लग जाएगा।
एडवाइजरी में कहा गया है कि इस ऐकडेमिक ईयर से मार्क मॉडरेशन नहीं किया जाए, सिर्फ क्वेश्चन पेपर में अस्पष्टता होने, पेपर के अलग अलग सेट में डिफिकल्टी लेवल अलग होने पर या मूल्यांकन प्रक्रिया में अनियमितता होने पर मार्क्स मॉडरेट किए जा सकते हैं। पास होने के लिए अगर कुछ मार्क्स की जरूरत है तो ग्रेस मार्क्स देने की प्रैक्टिस जारी रखी जा सकती है। हर बोर्ड को अपनी वेबसाइट पर ग्रेस मार्क्स पॉलिसी डिस्क्लोज करनी होगी। ग्रेस मार्क्स की जानकारी मार्कशीट में दी जाए या नहीं यह बोर्ड खुद तय कर सकते हैं।
इसके अलावा सभी बोर्ड में एक्स्ट्रा करिकुलर ऐक्टिविटी का वेटेज एक जैसा होना चाहिए, मार्कशीट में बोर्ड को स्टूडेंट का एक्स्ट्रा करिकुलर ऐक्टिविटी का परफॉर्मेंस अलग से दिखाना चाहिए इसे स्कूल की पढ़ाई वाले परफॉर्मेंस के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। मॉडरेशन पॉलिसी के साथ हर साल वेबसाइट पर यह भी अपडेट करना चाहिए कि मार्क्स कितने मॉडरेट किए गए। सभी बोर्ड्स से कहा गया है कि इस अडवाइजरी को लागू करने के लिए ऐक्शन टेकन रिपोर्ट 31 अक्टूबर तक मिनिस्ट्री को भेजें।