Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 06:24 PM
केंद्र सरकार लगातार स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए प्रयास कर रही है। अपने इसी प्रयासों के तहत केंद्रीय मानव ...
नई दिल्ली : केंद्र सरकार लगातार स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए प्रयास कर रही है। अपने इसी प्रयासों के तहत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्कूली छात्रों को राहत दिलाने के प्रयास के तहत 2019 के शैक्षणिक सत्र से एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को घटाकर आधा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल का पाठ्यक्रम बीए और बी.कॉम के कोर्स से भी ज्यादा है और इसे कम करके आधा किए जाने की जरूरत है जिससे सर्वांगीण विकास के लिए छात्रों को समय मिल सके।
राज्यसभा टीवी के दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ,‘‘ज्ञानसंबंधी कौशल के विकास के चरण में छात्रों को पूर्ण स्वायत्तता देने की जरूरत है। मैंने एनसीईआरटी से पाठ्यक्रम को घटाकर आधा करने को कहा है और यह 2019 के शैक्षणिक सत्र से प्रभावी होगा।’’स्कूली शिक्षा में सुधार के बारे में मंत्री ने कहा कि परीक्षा और अगली कक्षा में नहीं भेजे जाने की योजना लागू होगी।
उन्होंने कहा कि संसद में बजट सत्र के आगामी हिस्से में इससे जुड़े एक विधेयक पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘बिना परीक्षा, कोई प्रतिस्पर्धा और लक्ष्य नहीं रहता। बेहतर नतीजों के लिए प्रतिस्पर्धा जैसा कुछ जरूर होना चाहिए।’’ अगर कोई छात्र मार्च में फेल होता है तो उसे मई में एक और मौका दिया जाएगा। अगर विद्यार्थी दोनों में विफल रहता है तो उसे उसी कक्षा में रहना होगा। जावड़ेकर ने शिक्षकों की खराब गुणवत्ता पर भी ङ्क्षचता जताई है और उन्होंने कहा कि इस वजह से बच्चों की सीखने समझने की क्षमता पर असर पड़ रहा है।
जावेड़कर ने कहा कि, ‘‘शिक्षकों का मूल काम छात्रों की क्षमताओं और कमजोरियों का आकलन कर उन्हें उसी के हिसाब से आगे के लिए तैयार करना है।’’ उन्होंने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष 2015 तक 20 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना था लेकिन सिर्फ पांच लाख को ही प्रशिक्षित किया जा सका। उन्होंने कहा कि 14 लाख शिक्षक कौशल उन्नयन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। इससे बेहतर नतीजे आने चाहिए। नई शिक्षा नीति के बारे में जावड़ेकर ने कहा कि इस संबंध में एक रिपोर्ट अगले माह के अंत तक पेश की जाएगी और जरूरी मंजूरी मिलने के बाद इसे जल्द सार्वजनिक किया जाएगा।