Edited By ,Updated: 16 Dec, 2016 06:17 PM
चीन ने तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलने पर अप्रसन्नता व्यक्त की है और आशा व्यक्त की है कि भारत इस...
बीजिंग:चीन ने तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलने पर अप्रसन्नता व्यक्त की है और आशा व्यक्त की है कि भारत इस बात को स्वीकार करेगा कि नोबेल पुरस्कार विजेता आध्यात्म की आड़ में एक पृथकतावादी हैं।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में रविवार को बाल अधिकार सम्मेलन का उद्घाटन किया जिसमें दलाई लामा तथा दूसरे नोबेल पुरस्कार विजेता उपस्थित थे।इस सम्मेलन को जिन अन्य लोगों ने संबोधित किया उनमें मोनाको की राजकुमारी चार्लीनी और पूर्वी तिमोर के पूर्व राष्ट्रपति जोस रामोस होर्ता थे।भारत सरकार ने दलाई लामा के बारे में चीन की कड़ी आपत्ति को दरकिनार कर उन्हें राष्ट्रपति मुखर्जी के साथ मंच पर आने और राष्ट्रपति से मिलने का अवसर दिया।
दलाई लामा के संबंध में आपत्ति चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने की।चीन चाहता है कि भारत इस बात को स्वीकार करे कि दलाई लामा चीन विरोधी तथा पृथकतावादी हैं।दलाई लामा भारतीय नेताओं के साथ निजी बैठकें करते रहते हैं किन्तु वह रविवार को सार्वजनिक समारोह में उपस्थित हुए।