कोई नहीं जानता कितने वक्त के लिए अयोग्य हुए हैं शरीफ!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jul, 2017 06:22 PM

for how long nawaz sharif has been disqualified nobody seems to know

क्या नवाज शरीफ जिंदगी भर के लिए अयोग्य करार दिए गए हैं, या सियासत के रंगमंच के केन्द्र ...

इस्लामाबाद: क्या नवाज शरीफ जिंदगी भर के लिए अयोग्य करार दिए गए हैं, या सियासत के रंगमंच के केन्द्र में उनकी वापसी की कोई उम्मीद है?यह चर्चा और कयास कानूनी बारीकियों से अंजान आम पाकिस्तानियों तक सीमित नहीं है। 


शरीफ को सार्वजनिक पद के लिए अयोग्य ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद कानूनी विशेषज्ञों से ले कर कानूनी पर्यवेक्षकों की जमात पसोपेश में है। जब दिग्गज वकीलों के सामने यह सवाल पेश किया गया कि पाकिस्तान की सक्रिय सियासत से नवाज कितने अरसे तक दूर रहेंगे तो ज्यादातर के पास इसका साफ-साफ कोई जवाब नहीं दिखा।  


डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि इस सवाल को हल करने की जरूरत है क्योंकि इस पर बहुत लंबे वक्त से गौर नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के 5 सदस्यों की एक पीठ ने ताजीरात-ए-पाकिस्तान की अनुच्छेद 62 और 63 के तहत शरीफ को अयोग्य ठहरा दिया। 
 

सुप्रीम कोर्ट बार एेसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तारिक महमूद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की बृहद पीठ एेसे कई मामलों पर विचार कर रही है जिनमें समीना खावर हयात और मोहम्मद हनीफ का मामला शामिल है। इनमें यह निर्धारित करना है कि संविधान की अनुच्छेद 62(1)(एफ) के तहत अयोग्यता स्थाई है कि नहीं।
 

पूर्व प्रधान न्यायाधीश अनवर जहीर जमाली ने एेसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए हैरत जताई थी कि क्या अनुच्छेद 62 और 63 के आधार पर किसी को हमेशा के लिए चुनाव में हिस्सा लेने पर अयोग्य ठहराया जा सकता है क्योंकि लोग कुछ समय के बाद प्रावधान के तहत योग्य होने के लिए खुद को सुधार सकते हैं।
 

वरिष्ठ वकील राहील कामरान शेख ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को अदालत की अवमानना के मामले में 5 साल पहले धारा 63 के तहत अयोग्य ठहराया गया था जिसमें अयोग्यता पांच साल के लिए थी। शेख ने कहा कि बदकिस्मती से संविधान की अनुच्छेद 62(1)(एफ) के तहत अयोग्यता की कोई अवधि नहीं है। बहरहाल, उन्होंने महमूद की बात का अनुमोदन किया। उन्होंने कहा कि कुछ मामले लंबित हैं जिनमें यह निर्धारित करना चाहिए कि है क्या संविधान की अनुच्छेद 62(1)(एफ)के तहत अयोग्यता मौजूदा चुनाव तक या फिर हमेशा के लिए होगी।   


दूसरी आेर, पाकिस्तान बार काउन्सिल के उपाध्यक्ष अहसान भूण का कहना है कि शरीफ की अयोग्यता हमेशा के लिए है। अपने इस तर्क के समर्थन मे वह 2013 के अब्दुल गफूर लहरी के मामले का हवाला देते हैं जिसमे तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश इफ्तिकार महम्मद चौधरी ने व्यवस्था दी थी कि अनुच्छेद 63 के तहत कुछ अयोग्यगतायें अस्थाई स्वरूप की हैं और इस अनुच्छेद के तहत अयोग्य घोषित व्यक्ति कुछ अवधि बीतने के बाद योग्य हो सकता है जबकि अनुच्छेद 62 के तहत अयोग्यता स्थाई स्वरूप की है। वह कहते हैं कि अनुच्छेद 62 में एेसी किसी अवधि का प्रावधान नहीं है जिसके बाद अयोग्य घोषित व्यक्ति संसद का चुनाव लडने के योग्य हो जाएगा।

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