इमरान खान ने सिखों के लिए उठाई आवाज

Edited By ,Updated: 22 Mar, 2017 12:36 PM

imran khan says astonished to know that sikhs are not included in census

पाकिस्तान की राष्ट्रीय जनगणना में सिख धर्म को शामिल न किए जाने की चौतरफा आलोचना हो रही है। इसी कड़ी में पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ...

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राष्ट्रीय जनगणना में सिख धर्म को शामिल न किए जाने की चौतरफा आलोचना हो रही है। इसी कड़ी में पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की प्रतिक्रिया भी आई है। उन्होंने पाकिस्तान की राष्ट्रीय जनगणना से सिख धर्म को हटाने पर हैरानी जताते हुए इस 'गलती' को ठीक करने की मांग की है।

इमरान ने ट्विटर पर लिखा,'यह जानकर हैरान हूं कि जनगणना के फॉर्म के धर्म वाले कॉलम में सिख धर्म को शामिल नहीं किया गया है। इस चूक को सुधारा जाना चाहिए।' सिख पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हैं। सिविल सोसायटी और सिख समुदाय के नेताओं ने जनगणना में उन्हें शामिल न करने की आलोचना की।

'द नेशन' की खबर के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा माइनॉरिटी अलायंस के अध्यक्ष रादेश सिंह ने कहा, 'सिख धर्म को पूरी दुनिया में मान्यता मिली हुई है लेकिन उसे छोडकर सभी दूसरे धर्मों का जनगणना में उल्लेख है।' उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि संघीय सरकार देश के इस सबसे महत्वपूर्ण गणना में इस समुदाय को शामिल करना भूल गई।

सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने इसे सिखों और पाकिस्तान सरकार के बीच दरार पैदा करने की साजिश बताया। खबर के अनुसार एक दूसरे सिख नेता ने कहा, 'अगर सरकार जनगणना में सिखों को शामिल नहीं करेगी तो उसे देश में रहने वाले सिखों की संख्या का कैसे पता चलेगा?' पाकिस्तान में पिछले सप्ताह देशव्यापी जनगणना का काम शुरू हुआ है। पिछले करीब दो दशकों में पहली बार जनगणना कराई जा रही है।

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