Edited By ,Updated: 02 May, 2017 11:45 AM
अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में वीजा नियम कड़ा होने से विदेशों में जॉब करने की इच्छा रखने वाले भारतीय IT प्रोफैशनलों के लिए थोड़ी मायूसी का माहौल है...
सिडनी/वॉशिंगटन: अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में वीजा नियम कड़ा होने से विदेशों में जॉब करने की इच्छा रखने वाले भारतीय IT प्रोफैशनलों के लिए थोड़ी मायूसी का माहौल है। लेकिन, कुछ हायरिंग कंस्लटंट्स की मानें तो मीडियम टर्म में कुछ नए बाजार भारत के टेक प्रोफैशनल्स को आकर्षित करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारतीय IT प्रोफैशनल्स यूरोप, मध्य पूर्व और जापान में हाथोंहाथ लिए जाएंगे। इनका कहना है कि संरक्षणवादी नीति अपनाने वाले देशों को स्किल्ड वर्करों की जरूरत आगे भी पड़ेगी, हालांकि लैटिन अमरीका, कनाडा, अफ्रीका और नॉर्डिक नेशंज (डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन) भविष्य में IT हब के रूप में उभर सकते हैं जिसका फायदा भारतीयों को निश्चित तौर पर होगा।
टीमलीज सर्विसेज की एग्जिक्युटिव वाइस प्रेजिडेंट रितुपर्णा चक्रबर्ती ने कहा, 'हालांकि, संरक्षणवाद की शुरुआत तो हो गई है, लेकिन तात्कालिक मांग को पूरा करने के लिए इन देशों के पास अपने कुशल कर्मचारी नहीं है। साथ ही, कनाडा, लातिनी अमरीका, दक्षिण अफ्रीका और कुछ और अफ्रीकी देशों में भविष्य का बाजार बनने की पूरी क्षमता है।'