Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 02:30 PM
परमाणु हथियार निरस्त्रीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान आईकैन को वर्ष 2017 के नोबल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है। ओस्लो में पुरस्कार ग्रहण समारोह में अभियान की प्रमुख बिट्रीस फिन ने अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच जारी तनाव की ओर इशारा करते हुए कहा...
वॉशिंगटनः परमाणु हथियार निरस्त्रीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय अभियान आईकैन को वर्ष 2017 के नोबल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है। ओस्लो में पुरस्कार ग्रहण समारोह में अभियान की प्रमुख बिट्रीस फिन ने अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच जारी तनाव की ओर इशारा करते हुए कहा, "जल्दबाज़ी में लिया एक फ़ैसला लाखों लोगों की मौत का कारण बन सकता है"। उन्होंने कहा, "हमारे पास कोई और रास्ता नहीं है, या तो हमें परमाणु हथियारों को ख़त्म करना होगा या फिर ये हथियार हमें ख़त्म कर देंगे।" हाल के महीनों में उत्तर कोरिया और अमरीका के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। बिट्रीस फिन ने कहा, "शीत युदध के वक्त ऐसे हमलों का ख़तरा कम था, लेकिन आज ये ख़तरा बढ़ गया है।"
परमाणु हथियार विरोधी समूह आईकैन ने ऑस्ट्रेलिया की टर्नबुल सरकार से परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा है। पुरस्कार वितरण से पहले नोबेल पुरस्कार समिति की ब्रिट रीस-एंडरसन ने भी इसी तरह की चेतावनी देते हुए कहा, "ग़ैर-ज़िम्मेदार नेता किसी भी देश में सत्ता पर काबिज़ हो सकते हैं।" उन्होंने कहा कि आईकैन परमाणु हथियारों के खतरों के बारे में विश्व को जागरुक करने में सफल रहा है और इस ख़तरे को मिटाने की दिशा में काम कर रहा है।
पुरस्कार समारोह में हिरोशिमा बम हमला देख चुकी 85 साल की सेत्सुको थुरलो भी मौजूद थीं जो इस अभियान के साथ जुड़ी हैं। सेत्सुको ने कहा कि दुनिया को आईकैन की चेतावनी पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। हिरोशिमा पर हुए हमले के बाद सेत्सुको को एक गिरी हुई इमारत के मलबे के नीचे से बचाया गया था। उनका कहना था कि उनके साथ कक्षा में मौजूद उनके कई साथी ज़िंदा जल गए थे। आईकैन साल 2007 में अस्तित्व में आया था और बारुदी सुरंगों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियानों से प्रेरित था। संगठन ने परमाणु हथियारों के मानवीय ख़तरे के बारे में लोगों और सरकारों को जागरूक करना अपना लक्ष्य बनाया।