Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 12:26 PM
आतंकवाद की शरणगाह बने पाकिस्तानी सेना ने आखिर खुफिया एजेंसी ISI के आतंकियों के साथ संबंधों को स्वीकार कर लिया है...
इस्लामाबादः आतंकवाद की शरणगाह बने पाकिस्तानी सेना ने आखिर खुफिया एजेंसी ISI के आतंकियों के साथ संबंधों को स्वीकार कर लिया है। पाकिस्तानी सेना ने कहा खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजैंस आतंकियों से संपर्क में है। बाद में सफाई देते हुए पाक सेना ने कहा कि इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि हम आतंकी संगठनों का समर्थन करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि मिल्ली मुस्लिम लीग जोकि आतंकी संगठन जमात उद दावा की राजनीतिक शाखा है, को चुनाव लड़ने की स्वतंत्रता है। आपको बता दें कि मिल्ली मुस्लिम लीग के चुनाव लड़ने पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी थी। यूएस के द्वारा पाकिस्तान पर दिए गए बयान के बाद इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन के डायरेक्टर जनरल मेजर आसिफ गफूर ने कहा कि समर्थन और संपर्क में बहुत अंतर होता है। किसी भी ऐसी इंटेलीजैंस एजेंसी का नाम बताइये जिसके संपर्क न हों। संपर्क सकारात्मक हो सकते हैं।
अमरीका के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पाक जनरल ने कहा कि यूएस के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने यह नहीं कहा था कि हम आतंकियों का समर्थन करते हैं। आपको बता दें कि अमरीकी यूएस जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने कहा था कि ISI के तार न केवल आतंकी संगठनों से जुड़े हैं बल्कि पाक से अलग उसकी अपनी एक अलग फॉरेन पॉलिसी भी है।