Edited By ,Updated: 18 Feb, 2017 01:32 PM
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की शादियों के नियमन से जुड़े बहुप्रतीक्षित अहम विधेयक को सीनेट ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है और अब राष्ट्रपति के ...
इस्लामाबाद:पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की शादियों के नियमन से जुड़े बहुप्रतीक्षित अहम विधेयक को सीनेट ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है और अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाएगा।
हिन्दू विवाह विधेयक 2017 को कल सीनेट ने पारित कर दिया।यह हिन्दू समुदाय का पहला विस्तारित पर्सनल लॉ है।निचला सदन या नेशनल असैंबली विधेयक को15 सितंबर 2015 को पहले ही मंजूरी दे चुकी है और कानून का रूप लेने के लिए इसे केवल राष्ट्रपति के दस्तखत की दरकार है जोकि मात्र एक औपचारिकता है।
‘डॉन न्यूज’ ने खबर दी है कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू इस विधेयक को व्यापक तौर पर स्वीकार करते हैं क्योंकि यह शादी,शादी के पंजीकरण,अलग होने और पुनर्विवाह से संबंधित है।इसमें लड़के और लड़की दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है।इस विधेयक की मदद से हिन्दू महिलाएं अब अपने विवाह का दस्तावेजी सबूत हासिल कर सकेंगी।यह पाकिस्तानी हिन्दुओं के लिए पहला पर्सनल लॉ होगा जो पंजाब,बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में लागू होगा।सिंध प्रांत पहले ही अपना हिन्दू विवाह विधेयक तैयार कर चुका है।विधेयक को सीनेट में कानून मंत्री जाहिद हमीद ने पेश किया जिसका किसी ने विरोध नहीं किया।यह इसलिए हुआ क्योंकि प्रासंगिक स्थायी समितियों में सभी सियासी पार्टियों के सांसदों ने हमदर्दी वाला नजरिया जाहिर किया था।‘सीनेट फंक्शनल कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स’ ने दो जनवरी को जर्बदस्त बहुमत के साथ विधेयक को मंजूरी दी थी।