Edited By ,Updated: 19 Jan, 2017 04:31 PM
क्या आपने पहले कभी सुना है कि अधिक काम करने के कारण किसी की मौत होती है...
टोक्योः क्या आपने पहले कभी सुना है कि अधिक काम करने के कारण किसी की मौत होती है। जी हां, जापान में या तो लोग काम के दबाव में होने वाली बीमारियों से मर जाते हैं या उसके तनाव में आत्महत्या कर लेते हैं। ऐसे में जापानी सरकार ने कर्मचारियों के ओवरटाइम करने के समय को सीमित करने के उपायों की घोषणा की है। दरअसल, इसके जरिए सरकार मरने की हद तक लोगों को काम में लगे रहने की प्रवृत्ति को रोकना चाहती है।
एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार, जापान के कर्मचारियों की कुल संख्या के5वां हिस्से पर अधिक काम के मौत का खतरा बढ़ गया है। इस तरह होने वाली मौतों को कारोशी कहते हैं। दरअसल, वे एक महीने में करीब 80 से अधिक घंटे समय तक अतिरिक्त काम करते हैं। कई हाई प्रोफाइल मामलों में कोरोशी के सामने आने के बाद सरकार कार्य संस्कृति में इस तरह के नाटकीय बदलाव करने के लिए प्रेरित हुई है।
इस तरह के एक मामले में विज्ञापन एजैंसी की कर्मचारी, जो एक महीने में 100 अतिरिक्त घंटे काम कर रही थी और इसके तनाव में आकर उसने आत्म हत्या कर ली। प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने लोगों के ओवरटाइम करने के समय पर नियंत्रण लगाने की मांग के साथ ही उनके अधिकतम काम करने के समय को तय करने की बात कही है। सरकार 'प्रीमियम फ्राइडे' नामक एक सरकारी योजना फरवरी में लांच करने जा रही है। इस अभियान के तहत श्रमिकों को हर महीने के अंतिम शुक्रवार को कार्यालय जल्दी छोड़ने की अनुमति होगी।
जापान बिजनैस फैडरेशन के नेतृत्व में यह पहल की जा रही है। मगर, आलोचकों का कहना है कि यह एक बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। खासकर जापान बिजनैस फैडरेशन में अपेक्षाकृत कुछ सदस्य हैं। फॉर्च्यून मैग्जीन के अनुसार देश के 25 लाख से अधिक पंजीकृत कारोबार से 1,300 कंपनियों ही फेडरेशन से जुड़ी हैं।