Edited By ,Updated: 27 Sep, 2016 11:28 AM
पिछले दिनों कश्मीर में मारे गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी ने खुलासा किया है
श्रीनगर: पिछले दिनों कश्मीर में मारे गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी ने खुलासा किया है कि बुरहान जब 10 वर्ष का था तो वह सेना में शामिल होना चाहता था। बुरहान ने यह बात सेना के एक अधिकारी को उस समय कही थी, जब उसके गांव में आतंकियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया गया था। उन्होंने कहा कि बुरहान क्रिकेट प्रेमी था और परवेज रसूल की तरह वह भी भारत के लिए क्रिकेट खेलना चाहता था। परवेज रसूल पहला कश्मीरी खिलाड़ी है, जिसने बंगलादेश के खिलाफ ढाका में भारत की तरफ से 15 जून, 2014 को खेला था।
जब उनसे पूछा गया कि बुरहान की मौत ने क्या उनके सरकारी स्कूल प्रधानाचार्य के पेशे को प्रभावित किया, तो उनका कहना था कि वह बच्चों को अच्छी शिक्षा व बेहतर करियर के लिए प्रेरित करेंगे। बुरहान के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने 5 अक्टूबर 2010 को उसने घर छोड़ दिया था। उसके बाद उनकी और बुरहान की सिर्फ दो-तीन मुलाकातें हुई थीं, वो भी 2-3 मिनट की। बतौर मुजफ्फर वानी, उन्होंने एनकाउंटर से दो महीने पहले बुरहान को मनाने की भरसक कोशिश की थी कि वो घर वापस आ जाए, लेकिन वो नहीं माना।
हाल में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुरहान वानी का जिक्र किया था और उसे आतंकी की बजाय, युवा नेता कहा था, इस पर मुजफ्फर वानी ने कहा कि जब कश्मीर समस्या सुलझ जाएगी तो भारत मानेगा कि बुरहान फ्रीडम फाइटर था। नवाज शरीफ ने जो कुछ भी कहा, मुझे अच्छा लगा।' बता दें कि कश्मीर में एनकाउंटर के दौरान बुरहान मारा गया ता जिसके बाद कश्मीर में अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं।