Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jul, 2017 06:13 PM
जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के मामले को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के हाथ अहम सुराग लगे हैं। जांच एजेंसी ने बताया है कि इससे अलगाववादी नेताओं का असली चेहरा बेनकाब हो जाएगा।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में टैरर फंडिंग के मामले को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के हाथ अहम सुराग लगे हैं। जांच एजेंसी ने बताया है कि इससे अलगाववादी नेताओं का असली चेहरा बेनकाब हो जाएगा। इन सुरागों में कश्मीर में बड़ी हिंसा को अंजाम देने का कच्चा चिठा है। एजेंसी ने इस मामले को लेकर और गहराई से जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक इन सुरागों में सैयद अली शाह गिलानी के हस्ताक्षर किया हुआ हुर्रियत का कैलेंडर मिला है। इस कैलेंडर को उनके दामाद और अलगाववादी अल्ताफ शाह फंटूश के घर से बरामद किया गया है। इस कैलेंडर में सुरक्षाबलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने के लिए लोगों को भड़काने की साजिश के सबूत साफ दिखाई दे रहे हैं। 4 अगस्त 2016 को बनाए गए इस कैलेंडर से साफ हो रहा है कि कश्मीर में सेना और सुरक्षाबलों पर पथराव और प्रदर्शन कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं बल्कि सोझी समझी साजिश का ही नतीजा है। कब और क्या करना है इसकी पहले से ही तैयारी की जाती है।
टैरर फंडिग का हुआ था खुलासा
उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई को दिल्ली की एक अदालत ने टैरर फंडिंग के एक मामले में हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद सहित सात कश्मीरी अलगाववादियों को दस दिन की एनआईए हिरासत में भेजा। एजेंसी ने अदालत से आरोपियों की हिरासत मांगी थी ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। टैरर फंडिंग केस में हिरासत में लिए गए 7 अलगाववादी नेताओं को लेकर एनआईए ने अदालत को जानकारी देते हुए बताया कि अल्ताफ अहमद शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्लाह, शाहिद उल इस्लाम, मेहराजुद्दीन कालवाल, नईम खान और फारूक अहमद डार का सामना एक दूसरे तथा अपराध से जुड़े साक्ष्यों से कराना है। एनआईए ने बताया कि इन्हें जांच के सिलसिले में कई स्थानों पर ले जाया जाएगा।