Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 06:39 PM
माना जा रहा था, नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के साथ बिहार का सियासी तूफान शांत हो जाएगा।
नई दिल्लीः माना जा रहा था कि नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के साथ बिहार का सियासी तूफान शांत हो जाएगा। शपथ ग्रहण में जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के न शामिल होने पर सुगबुगाहट तो शुरू हो चुकी थी, लेकिन राहुल गांधी से मुलाकात ने नया राजनीतिक बखेड़ा खड़ा कर दिया है।
इसी बीच उन्होंने नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ सरकार बनाने से नाराज नेताओं के साथ बैठक करने के एलान से बीजेपी सकते हैं। एेसे में पार्टी ने डैमेज कंट्रोल और उन्हें मानाने की जिम्मेदारी अरुण जेतली को सौंपी है।
राज्यसभा सांसद अली अनवर के बाद जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने नीतीश कुमार के फैसले को गलत बताया।शरद यादव का कहना था महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का नीतीश का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। इससे बिहार की राजनीति में गलत संदेश जाएगा।
इसके चलते शरद यादव ने शपथग्रहण में जाने की जगह राहुल गांधी से मुलाकात करने पहुंच गए। इसी बीच वे अपने आवास पर नीतीश के फैसले से असंतुष्ट नेताओं के साथ बैठक करेंगे। जिसमें अली अनवर और विरेंद्र कुमार शामिल होंगे।
आपकी जानकारी के लिएबात दें कि जेडीयू के 71 विधायकों में 5 मुस्लिम हैं तो 11 विधायक यादव समुदाय से हैं। राज्यसभा सांसद अली अनवर का कहना था कि नीतीश कुमार अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर बीजेपी के साथ सरकार बना रहे हैं, लेकिन मेरी अंतरात्मा इस बात को नहीं मानती है।
इन अटकलों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली शरद यादव से मुलाकात करेंगे। कहा जा रहा है कि बिहार में गठबंधन के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच बात हो सकती है। अरुण जेटली और शरद यादव 1974 से दोस्त हैं।