कश्मीर के मौजूदा हालात में अमरनाथ यात्रा एक कठिन परीक्षा

Edited By ,Updated: 01 May, 2017 09:04 AM

amarnath yatra is a difficult test in the current situation of kashmir

पवित्र अमरनाथ यात्रा का श्रीगणेश 29 जून को होने जा रहा है। विभिन्न सुरक्षा एजैंसियों के साथ जुड़े विश्लेषकों का मानना है कि कश्मीर घाटी में माहौल तनावपूर्ण है। आतंकियों और पत्थरबाजों का खौफ बदस्तूर जारी है।

नई दिल्ली: पवित्र अमरनाथ यात्रा का श्रीगणेश 29 जून को होने जा रहा है। विभिन्न सुरक्षा एजैंसियों के साथ जुड़े विश्लेषकों का मानना है कि कश्मीर घाटी में माहौल तनावपूर्ण है। आतंकियों और पत्थरबाजों का खौफ बदस्तूर जारी है। फिर भी शिव भक्तों की श्रद्धा कम नहीं दिख रही और लोग पवित्र गुफा के दर्शनों के लिए आतुर हैं। सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि गर्मियों के दौरान घाटी में हिंसा बढ़ जाती है। सूचना के अनुसार घाटी में उत्तेजित लोगों के साथ ही लगभग 200 आतंकी सक्रिय हैं।  इन मौजूदा हालात में यह पवित्र यात्रा एक कठिन परीक्षा के समान दिख रही है। इस वर्ष यात्रा के लिए लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण करवाया है। वहीं हैलीकॉप्टर की यात्रा भी लोगों में लोकप्रिय है फिर भी हजारों लोग पैदल यात्रा करने को प्राथमिकता देते हैं।

पिछली असफलताएं
इस यात्रा के लिए 2 मार्ग निर्धारित किए गए हैं-पहलगाम-चंदनवाड़ी मार्ग तथा सोनमर्ग-बालटाल। इन मार्गों से 7500 यात्री हर रोज गुजरते हैं। इनमें से कुछ सौ श्रद्धालु ही हैलीकॉप्टर से जाते हैं। 1980 के दशक में आतंकवाद की शुरूआत के बाद इस यात्रा को 2 बार असफलताओं का भी सामना करना पड़ा है। आतंकी धमकियों के बाद वर्ष 1991 तथा 1995 के बीच इस यात्रा को सरकार की ओर से बंद कर दिया गया था। वर्ष 2000 में आतंकियों ने पहलगाम में यात्रा के आधार शिविर पर हमला कर दिया था जिसमें 32 जानें गई थीं। अधिकारियों का कहना है कि वे यात्रा को अच्छी तरह सम्पन्न करवाने के लिए तैयारियां कर रहे हैं और मार्ग पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए जाएंगे।

नए आतंकवादियों की भर्ती
सुरक्षा एजैंसियों का अनुमान है कि 150 से 200 सशस्त्र आतंकी इन दिनों कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं। एक अधिकारी ने बताया कि उनकी संख्या कम होने के बावजूद उनमें से कई अति सक्रिय हैं तथा वे नए भर्ती किए गए हैं। विधानसभा में पेश किए गए अनुमान के अनुसार वर्ष 2016 में जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा संख्या में युवाओं ने आतंकवादी संगठनों की ओर रुख किया था। यह संख्या पिछले 6 वर्षों में सबसे ज्यादा है। हाल ही में संकेत मिले हैं कि प्रमुख आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन तथा जैश-ए-मोहम्मद ने संयुक्त कार्रवाई करने के लिए आपस में हाथ मिलाया है। एक वीडियो में इन संगठनों के 30 आतंकियों को एक साथ दिखाया गया है।

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