Edited By ,Updated: 03 Jan, 2015 10:47 PM
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा है कि नए साल में भी बसपा अध्यक्ष मायावती पुराना राग अलापना नहीं भूलीं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा है कि नए साल में भी बसपा अध्यक्ष मायावती पुराना राग अलापना नहीं भूलीं। उनके रेकार्ड की सुई उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति राज की मांग पर आकर ही टिक जाती है। सपा ने कहा कि अपनी प्रेस कान्फ्रेंस में मायावती वही सब कहती रहीं जो पिछले कई वर्षों से दुहरा रही हैं। उनको कायदे से अब अपना स्क्रिप्ट राइटर बदल लेना चाहिए, क्योंकि वह पुराने पन्ने ही उन्हें पढऩे के लिए दे देता है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चैधरी ने कहा कि बसपा अध्यक्ष को उत्तर प्रदेश में विकास कहीं नहीं दिखाई देता। जमीनी हकीकत की पहचान उनकी अलग है, क्योंकि उनके लिए विकास का अर्थ ज्यादा से ज्यादा कमीशन वसूली और हर काम में भ्रष्टाचार को संरक्षण देना ही है।
चौधरी ने कहा, ‘‘अपने पांच साल के कार्यकाल में माया ने सिर्फ पार्क, स्मारक बनवाए और अपनी प्रतिमाएं लगवाईं। गुंडे, माफिया और असामाजिक तत्व नौकरशाहों से मिलकर सरकारी खजाने को लूटते रहे। बसपा के मंत्री व विधायक हत्या, अपहरण और दुष्कर्म में संलिप्त रहे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समझ में नहीं आता है कि बसपा अध्यक्ष को उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था में कहां गड़बड़ी दिखाई दे रही है। प्रदेश में कानून का राज है और असामाजिक तत्वों के प्रति कड़ाई बरती जाती है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का अधिकारियों को कड़े निर्देश हैं कि किसी निर्दोष का उत्पीडऩ न हो और अपराधियों को किसी कीमत पर छोड़ा न जाए।’’
चौधरी ने कहा कि सांप्रदायिक तत्वों की हरकतों पर प्रशासन की पैनी निगाह रहती है और अब तक उनकी सभी साजिशें विफल हुई हैं। भ्रष्टाचार पर भी काफी हद तक अंकुश लगा है।