Edited By ,Updated: 06 Sep, 2015 04:36 PM
सरकार द्वारा ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना का लागू किए जाने के बाद पूर्व सैनिकों ने आज अपना आमरण अनशन खत्म करने की घोषणा कर दी लेकिन साथ ही चेतावनी दी
नई दिल्ली: सरकार द्वारा ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना का लागू किए जाने के बाद पूर्व सैनिकों ने आज अपना आमरण अनशन खत्म करने की घोषणा कर दी लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि अगर सरकार अपने वादे से मुकरी तो उसे इससे भी तेज आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट के अध्यक्ष मेजर जनरल सतबीर सिंह ने पिछले 23 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे कर्नल पुष्पेंद्र सिंह, हवलदार मेजर सिंह और हवलदार ए. एस. चौहान को ‘हलुवा’ खिलाकर उनका अनशन तोड़ा लेकिन साथ ही कहा कि धरना जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज साफ कर दिया है कि सेना में वीआरएस नहीं होता है और समय से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों को भी वन रैंक वन पेंशन का लाभ मिलेगा। जनरल सिंह ने कहा कि सरकार ने लिखित में अपनी बात कही है और वादा किया है कि एक महीने में वन रैंक वन पेंशन को लागू किए जाने का सर्कुलर जारी किया जाएगा। हम सरकार की बातों पर भरोसा करते हैं और यही वजह है कि हमने अपने साथियों से भूख हड़ताल वापस लेने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया तो वह खुद भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार जब तक पूर्व सैनिकों की चार मांगें नहीं मान लेती हैं तब तक उनका धरना जारी रहेगा। इनमें हर साल पेंशन की समीक्षा करना, समिति के सदस्यों की संख्या बढ़ाना, पेंशन को औसत के आधार पर नहीं बल्कि अधिकतम आधार पर निर्धारित करना और वीआरएस पर स्थिति स्पष्ट करना शामिल है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने चार दशकों से अटकी पड़ी वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने की कल घोषणा की थी। इसके तहत पूर्व सैनिकों की पेंशन की हर पांच साल में समीक्षा की जाएगी। इसका आधार वर्ष 2013 रखा गया है और उस साल मिलने वाली पेंशन के औसत पर नयी पेंशन बनेगी।