Edited By ,Updated: 21 Mar, 2016 03:46 PM
पासपोर्ट उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, पासपोर्ट में होने वाली पुलिस वेरिफिकेशन को अंतिम छोर तक पेपरलेस करने के लिए गृह विभाग और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने कवायद शुरू की है।
नई दिल्ली: पासपोर्ट उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, पासपोर्ट में होने वाली पुलिस वैरीफिकेशन को अंतिम छोर तक पेपरलेस करने के लिए गृह विभाग और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने कवायद शुरू की है। हिमाचल-प्रदेश के कई जिलों में एम-पासपोर्ट एप के जरिए पुलिस वैरीफिकेशन को पत्राचार शुरू हो गया है।
विदेश मंत्रालय ने कुछ समय पहले पुलिस वैरीफिकेशन के लिए एम-पासपोर्ट पुलिस एप लांच किया था। इसका मकसद यह था कि फील्ड में मौजूद वैरीफिकेशन करने वाले अधिकारी मौके पर ही पुलिस वैरीफिकेशन रिपोर्ट की फोटो खींचकर सिस्टम में डाल सकेंगे। इसकी बदौलत आवेदक के दस्तावेजों को डाऊनलोड करने की समस्या नहीं रहेगी। वैरीफिकेशन की पूरी व्यवस्था पेपरलेस हो जाएगी। इसके अलावा वैरीफिकेशन में लगने वाले समय में भी बचत होगी।
वर्तमान में वैरीफिकेशन में प्रदेश पुलिस को औसतन 40 दिन का समय लग रहा हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 35 दिन का है। तेलंगाना, आंध्रप्रदेश जैसे प्रदेशों में यह दो हफ्ते से भी कम समय में हो रहा है। विदेश मंत्रालय द्वारा बनाया गया एम पासपोर्ट पुलिस एप देश के सिर्फ 46 जिलों में लागू होना शेष है जिनमें हिमाचल के बारह जिलों समेत जम्मू-कश्मीर, नागालैंड, महाराष्ट्र, पुड्डुचरी और पश्चिम बंगाल के कुछ जिले शामिल हैं।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी प्रवीण मोहन सहाय का कहना है कि इस एप को हिमाचल में लांच करने के लिए गृह और पुलिस विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। इस एप के इस्तेमाल से वैरीफिकेशन में काफी तीव्रता आऐगी। जिससे लोगों तक पासपोर्ट काफी कम समय में पहुंचेगा।