अवमानना कानून के खिलाफ जस्टिस कर्णन की याचिका अदालत ने की खारिज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 06:34 PM

court rejects petition against defamation laws

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज अदालत की अवमानना संबंधी कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज अदालत की अवमानना संबंधी कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जेल में बंद कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सी एस कर्णन की याचिका खारिज कर दी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूॢत सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि हमें रिट याचिका में कोई दम नहीं लगा इसे खारिज किया जाता है। अदालत ने याचिकाकर्ता की तरफ से पेश इस दलील को खारिज कर दिया कि उन्हें 6 महीने की जेल की सजा सुनाते वक्त नैर्सिगक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं किया गया। 

अदालत ने कहा कि कर्णन के पत्र, आदेश और आचरण यह साबित करते हैं कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेशों, कार्यवाही और उनके खिलाफ मौजूद सामग्री की पूरी जानकारी थी। यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता कर्णन को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया और उन्हें अपने बचाव पेश करने के लिए बार-बार एवं पर्याप्त अवसर दिए गए। अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुमपारा के जरिये दायर याचिका में कर्णन ने उच्च न्यायालय से यह आदेश देने का अनुरोध किया था कि शीर्ष अदालत का 9 मई का सजा संबंधी आदेश और इसकी कार्रवाई असंवैधानिक एवं शून्य है क्योंकि नैर्सिगक न्याय के सिद्धांतों का कथित रूप से पालन नहीं किया गया।

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