Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Oct, 2017 06:12 PM
राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी और निजी हजारों स्कूल चलते हैं लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर सवाल उठाया गया है...
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी और निजी हजारों स्कूल चलते हैं लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर सवाल उठाया गया है कि इनमें से कितने वास्तव में अग्नि सुरक्षा और भवन स्थायित्व मानकों का अनुपालन करते हैं। याचिकाकर्ता, एक वकील, ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और उसकी विभिन्न संस्थाओं के पास इस सवाल का जवाब नहीं है और यही वजह है कि वह अदालत आने को मजबूर हुए।
जनहित याचिका में दावा किया गया कि उच्चतम न्यायालय ने 2009 में भारत के सभी विद्यालयों को निर्देश जारी किया था कि अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र और स्थायित्व प्रमाण पत्र हासिल करें लेकिन इनका अनुपालन नहीं किया जा रहा। याचिकाकर्ता कुश कालरा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय, दमकल विभाग और लोक निर्माण विभाग इस बात की अनदेखी कर रहे हैं कि स्कूल भवन स्थायित्व और अग्नि सुरक्षा मानकों का अनुपालन करें।
दिल्ली स्थित वकील ने दावा किया कि नगर निगम समेत सक्षम प्राधिकारों को इस बारे में जानकारी ही नहीं है कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाला कोई स्कूल इन मानकों का पालन कर भी रहा है या नहीं।