मजदूरों के लिए खुशखबरी: सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में की बढ़ोतरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Oct, 2017 08:31 PM

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पहली बार जम्मू-कश्मीर सरकार ने कुशल और अकुशल और प्रशासनिक/मंत्रीय श्रम श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।

श्रीनगर : पहली बार जम्मू-कश्मीर सरकार ने कुशल और अकुशल और प्रशासनिक/मंत्रीय श्रम श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। नगरिक सचिवालय में न्यूनतम मजदूरी संशोधन पर राज्य सलाहकार बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता में, वित्त एवं श्रम व रोजगार मंत्री डॉ हसीब द्राबू ने ‘अकुशल श्रमिकों’ के लिए 150 रुपये से बढ़ाकर 225 रुपये तथा कुशल मजदूरों के मामले में मजदूरी 225 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये ‘न्यूनतम मजदूरी’ में वृद्धि को मंजूरी दी। यह 55.55 फीसदी की बढ़ोतरी है।
डॉ द्राबू ने कहा कि श्रम विभाग ने ‘अद्र्ध कुशल श्रमिकों’  की श्रेणी को समाप्त कर दिया है जबकि ‘उच्च-कुशल’ श्रेणी शुरू की गई है जिसके लिए दर 400 रुपये तय की गई है। प्रशासनिक/ मंत्रीीय कर्मचारियों के मामले में मजदूरी 200 से बढ़ा कर 325 की गई है। यह 62.5 प्रतिशत की वृद्धि है। डॉ द्राबू ने कहा, ‘लंबे समय तक, श्रम विभाग एक व्यापक रणनीति तैयार करेगा जो श्रम वर्ग को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा और समाज में उनकी गरिमा को बहाल करेगा।’


वित्त मंत्री को बताया गया कि श्रमिकों के सभी वर्गों के लिए 10 से 15 प्रतिशत की उचित वार्षिक वृद्धि होगी और श्रम विभाग उनके लिए एक ‘सामाजिक सुरक्षा पैकेज’ तैयार करेगा। उन्होंने कहा,‘सामाजिक सुरक्षा पैकेज’ में भविश्य निधि, स्वस्थ्य और आपातकालीन बीमा जैसी योजनाएं और अन्य लाभ शामिल हैं। यह पैकेज उन श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा जो अपने दैनिक काम के दौरान बीमार हो जाते हैं या विकलांग होते हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले वर्षों में बाजार मानक के साथ श्यूनतम मजदूरी लाने के लिए आगे बढ़ रही है, जबकि अधिकारियों को नई तकनीक के इस्तेमाल के प्रकाश में मजदूरों के वर्गीकरण की फिर से जांच करने का निर्देश दे रहा है।
डॉ द्राबू ने कहा, ‘कुशल श्रम को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और श्रमिकों के सभी वर्गों की वास्तविक आय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ा होना चाहिए। साथ ही, सरकार के साथ पंजीकृत ‘अकुशल’ श्रम की श्रेणी को पांच साल की प्रगति के बाद ‘कुशल’ श्रेणी में ले जाना चाहिए ताकि समय के मुकाबले मजदूरों के जीवन में सुधार हो।’


डॉ द्राबू ने श्रम विभाग को निर्देश दिया कि वे औपचारिक प्रशिक्षण, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कार्य अनुभव में कारक और संबंधित क्षेत्रों में ‘कुशल’ और ‘अकुशल’ श्रम दोनों के लिए अन्य प्रशिक्षण प्रदान करें जो कि उनको आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में लंबा रास्ता तय करेगा। वित्त मंत्री को सूचित किया गया कि जम्मू और कश्मीर में कुशल, अकुशल, अर्धकुशल और मंत्री श्रम की संख्या 7-8 लाख के बीच है, जिनमें से करीब 3.5 लाख निर्माण और अन्य श्रमिक बोर्ड के साथ पंजीकृत हैं जबकि अन्य को आने वाले समय में पंजीकृत किया जाएगा।

 

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