Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Aug, 2017 07:53 PM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल यूनाईटेड(जदयू) के महागठबंधन से एक माह...
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल यूनाईटेड(जदयू) के महागठबंधन से एक माह पूर्व अलग होने के बावजूद राष्ट्रीय जनता दल(राजद) कल होने वाली रैली में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनौती देने के उद्देश्य से विपक्षी एकजुटता का प्रदर्शन करेगा।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जब पटना में 27 अगस्त को भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के लिए बड़ी रैली का आयोजन करने की घोषणा की थी उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में महागठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे लेकिन 26 जुलाई को महागठबंधन से उनके नाता तोडऩे और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) में शामिल होने के बाद एक नई राजनीतिक परिस्थिति उत्पन्न हुई है। यादव ने नीतीश के महागठबंधन से नाता तोडऩे के बाद घोषणा की थी कि नई परिस्थिति में भी उनकी पार्टी पूरी मजबूती के साथ रैली का आयोजन कर भाजपा को चुनौती देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प तैयार करने की कोशिश करेगी।
शरद यादव रैली में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे पटना
जदयू के बागी राज्यसभा सांसद शरद यादव पार्टी नेतृत्व की चेतावनी के बावजूद रैली में हिस्सा लेने के लिए पटना पहुंच गए हैं। यादव के स्वागत के लिए यहां जय प्रकाश नारायण हवाई अड्डा पर जदयू के निलंबित राज्यसभा सांसद अली अनवर और बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम समेत बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने साफ शब्दों में यादव को राजद की रैली में नहीं जाने की हिदायत देते हुए कहा है कि यदि वह इस रैली में जाते हैं तो यह माना जायेगा कि उन्होंने स्वत: जदयू को त्याग दिया है।