Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jul, 2017 03:08 PM
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि वह 2019 में विपक्ष के पीएम पद के दावेदार नहीं हैं।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपने को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के दौर से बाहर बताते हुए कहा कि चेहरे की बजाए चुनाव जीतने के लिए सांझा कार्यक्रम पर आधारित विपक्षी एकता ज्यादा महत्वपूर्ण है। कुमार ने लोक संवाद कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं और इसे वह पहले भी स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि पूर्व में प्रधानमंत्री बनने के लिए जिनके नामों की चर्चा होती रही है वे कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ सप्ताह पूर्व नई दिल्ली में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की पुस्तक के विमोचन के अवसर पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए गांधी से अनुरोध किया था कि वह विपक्षी एकता के लिए सांझा कार्यक्रम तैयार करने की पहल करें।
जीएसटी के समर्थन में नीतीश
उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के मामले को इस कदर तूल दिया गया कि असल किसान मुद्दा पीछे छूट गया। उन्होंने कहा कि हमारा असल उद्देश्य वादों को लागू करना है, हमारा स्टैंड हमेशा साफ रहा है और इसी एजेंडा की वजह से वे बिहार चुनाव जीते हैं। जीएसटी पर नीतीश ने कहा कि वे शुरू से इसके समर्थन में रहे हैं। एक टैक्स की व्यवस्था से देश को फायदा होगा। सुशील मोदी को लेकर सीएम ने कहा कि वे उनके पुराने साथी हैं, वे बयान देते रहते हैं और इसमें उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रैली में नहीं पहुंचने के लिए नीतीश ने कहा कि रैली में पहुंचने का अनौपचारिक न्योता मिला था।