Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 02:02 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ''स्वच्छ भारत मिशन'' के बाद लोगों में जागरुकता पहले से काफी बढ़ गई है। अब लोग घरों में शौचालय की महत्वता को समझने लग गए हैं।
भीलवाड़ा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वच्छ भारत मिशन' के बाद लोगों में जागरुकता पहले से काफी बढ़ गई है। अब लोग घरों में शौचालय की महत्वता को समझने लग गए हैं। वहीं जिनके घरों में शौचालय नहीं और खुले में शौच जाते हैं उनके लिए परेशानियां खड़ी होती जा रही हैं। दरअसल राजस्थान के भीलवाड़ा में खुले में शौच करने और घर में शौचालय नहीं बनवाने पर जिला प्रशासन सख्ती बरत रहा है। जहाजपुर जिला प्रशासन ने गांव गांगीथला में घर में शौचालय नहीं होने पर बिजली कनेक्शन काटने के आदेश दिए गए हैं।
पत्र लिखकर आदेश दिया गया है कि गांगीथला में सिर्फ 19 प्रतिशत ही शौचालय हैं, और अधिकतर ग्रामीण खुले में ही शौच जाते हैं। बार-बार समझाने पर भी लोग घरों में शौचालय नहीं बनवा रहे हैं। ऐसे में सरकार को सख्ती बरतनी पड़ी। प्रशासन ने गांववालों को घर में शौचालय बनवाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है और अगर किसी ने ऐसा नहीं किया या खुले में शौच गए तो उनके घरों के बिजली कनेक्शन काट दिए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले इससे पहले राजस्थान के फैमिली कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए घर में टॉयलेट नहीं होने को क्रूरता मानते हुए एक महिला की तलाक की याचिका मंजूर कर ली थी। भीलवाड़ा के फैमिली कोर्ट में एक महिला ने याचिका दी कि ससुराल में शौचालय नहीं होने की वजह से वह पिता का घर में रह रही है। बार-बार कहने पर भी उसके पति और ससुराल वाले घर में शौचालय नहीं बनवा रहे हैं। महिला की याचिका को मंजूर करते हुए जज राजेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि यह तो महिला के प्रति क्रूरता है और सामाजिक कलंक है इसलिए महिला को तलाक लेने का हक है।