Edited By ,Updated: 24 May, 2017 04:49 PM
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान जो दावे कर रहा उसमें कितनी सच्चाई हैं इसकी हवा तो उसके ही पूर्व अफसर ने निकाल दी।
नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर पाक के दावों में कितनी सच्चाई हैं इसकी हवा तो उसके ही पूर्व अफसर ने निकाल दी। दरअसल पाकिस्तान के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अमजद शोएब ने माना कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में नहीं बल्कि ईरान में पकड़ा गया था और उन्हें वहां से लेकर बलूचिस्तान में फर्जी गिरफ्तारी दिखाई गई। इस बयान का इस्तेमाल भारत अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई में कर सकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना जाधव पर जासूसी और आतंकवाद का आरोप लगा चुकी है।
इस्लामाबाद और रावलपिंडी दोनों मानते हैं कि जाधव फर्जी पहचान के तहत ईरान में रह रहे थे और उनका असल मकसद कराची और बलूचिस्तान में आतंक फैलाना था। यह पहला मौका नहीं है जब जाधव को लेकर पाकिस्तान की पोल खुली हो। पाकिस्तान में जर्मनी के पूर्व राजदूत गुंटर मुलक भी अपने सूत्रों के हवाले से यही बात कह चुके हैं। मुलक का कहना था कि जाधव को ईरान से तालिबान ने अगवा किया और उसके बाद आईएसआई को बेच दिया था। वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तानी संसद को बताया था कि जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद नहीं हैं।
अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में चल रही है सुनवाई
18 मई को यूएन के इंटरनेशनल कोर्ट ने पाकिस्तान को निर्देश दिया था कि मामले की सुनवाई जारी रहने तक जाधव को फांसी न दी जाए। वहीं ICJ ने जाधव के कबूलनामे वाला वीडियो भी देखने से मना कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि पाकिस्तान के पास जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं।