Edited By ,Updated: 28 May, 2016 06:08 PM
राजस्थान के जयपुर शहर के शांति नगर इलाके में रहने वाली 17 साल की पाकिस्तानी हिंदू लड़की मशाल माहेश्वरी ने 12वीं कलास में 91 प्रतिशत नंबर हासिल किए।
जयपुरः राजस्थान के जयपुर शहर के शांति नगर इलाके में रहने वाली 17 साल की पाकिस्तानी हिंदू लड़की मशाल माहेश्वरी ने 12वीं कलास में 91 प्रतिशत नंबर हासिल किए। लेकिन जब उसने अागे की पढ़ाई के लिए मेडिकल का फॉर्म भरना चाहा तो नागरिकता ने उसका रास्ता रोक दिया है, जिसके चलते मशाल डिप्रेशन में चली गई है।
इस डर से आए थे भारत
वहीं, मशाल के मां-बाप सामने आने से डर रहे हैं, क्याेंकि उनका कहना है कि पहचान उजागर हाेने पर पाकिस्तान में उनके रिश्तेदारों पर हमले हो सकते हैं। मशाल के मां-बाप पाकिस्तान के हैदराबाद में डॉक्टर थे। उनकी तीन लाख रुपए महीने की कमाई थी। लेकिन एक रोज उन्हें अगवा करने की कोशिश हुई, लेकिन वे बच गए। फिर बेटी के भविष्य के लिए वे धार्मिक वीजा पर जयपुर आ गए। शुरुआत में रहने की जगह नहीं मिली, ताे माहेश्वरी समाज ने उनकी मदद की।
2 साल से कर रही हैं कोचिंग
मशाल ने 10वीं तक की पढ़ाई पाकिस्तान में की है। एक रिश्तेदार की मदद से मशाल का एडमिशन जयपुर के रुक्मणी बिड़ला स्कूल में करवा दिया। 2 साल तक उसने ‘आकाश कोचिंग इंस्टीट्यूट’ से तैयारी की। मशाल को क्या पता था कि भारत में सरकारी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में केवल भारतीय ही पढ़ सकते हैं। मशाल के पिता प्राइवेट अस्पताल में काम कर रहे हैं, जहां उन्हें सैलरी कैश में मिलती है, क्योंकि वे यहां बैंक अकाउंट नहीं खुलवा सकते।
रोज लिखती हैं माेदी को चिट्ठी
मशाल हर राेज पीएम नरेंद्र मोदी और हेल्थ मिनिस्टर जे.पी.नड्डा को चिट्ठी लिखती हैं। उसने बताया कि हमने पीएम की ऑफिशियल वेबसाइट में शिकायत की थी, लेकिन आधा अधूरा जवाब ही आया। दिल्ली का ‘पाक हिंदू विस्थापित सीमांत संगठन’ इनकी मदद की कोशिश कर रहा है।